बे ओवल एक क्रिकेट स्टेडियम, दुनिया का सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान, जो 1845 से लगातार टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहा है है। यह लंदन के ब्रामले में स्थित है और इंग्लैंड के क्रिकेट के दिल के बराबर है। यहाँ खेले गए हर मैच ने न सिर्फ़ रिकॉर्ड बनाए, बल्कि खिलाड़ियों की जिंदगी बदल दी। भारतीय टीम के लिए यह मैदान खास है—यहाँ न सिर्फ़ जीत हुई है, बल्कि चोट लगने के बावजूद भी बल्लेबाज़ों ने अद्भुत प्रदर्शन किए हैं।
2024 में, क्रिस वोक्स, इंग्लैंड के टेस्ट क्रिकेटर, जिन्होंने डिस्लोकेटेड कंधे के साथ भी बल्लेबाजी करके इंग्लैंड के लिए जीत की लड़ाई लड़ी ने बे ओवल की पाँचवीं टेस्ट में एक ऐसा प्रदर्शन किया जिसे दुनिया भर में तालियाँ दी गईं। भारतीय खिलाड़ियों ने भी उस दिन सम्मान के साथ उनका स्वागत किया। यही बे ओवल की असली पहचान है—यहाँ खेल का सम्मान राजनीति से बड़ा होता है। इसी मैदान पर 2025 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच एक टेस्ट मैच खेला गया था, जहाँ सिराज की गेंदबाज़ी ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम के बाद दूसरी बार दुनिया को हैरान कर दिया।
बे ओवल केवल एक स्टेडियम नहीं, बल्कि एक इंग्लैंड क्रिकेट, उसके अंदरूनी मूल्यों, रिवाज़ और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है। यहाँ खेले गए मैचों में बड़े-बड़े नामों ने अपनी कहानियाँ लिखीं—जैसे बाबर आजम की टीम ने भारत के खिलाफ यहाँ लगातार हार के बाद अपनी रणनीति सोचनी शुरू की। यहाँ की पिच धीमी होती है, जिससे टेस्ट क्रिकेट की असली जान निकलती है। यहाँ कोई खिलाड़ी बस रन बनाकर नहीं, बल्कि जीत के लिए लड़ता है।
इसी वजह से बे ओवल पर खेले गए हर मैच की खबरें आपको यहाँ मिलेंगी—चाहे वो भारत की टीम की जीत हो, या फिर किसी खिलाड़ी का चोट के बाद भी बल्लेबाजी करना। आप यहाँ उन दिनों की खबरें पाएंगे जब दुष्मंत चमेहरा जैसे गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया, या जब राहुल और यशस्वी जायसवाल ने इसी मैदान पर शतक मारकर भारत को जीत दिलाई। यहाँ आपको केवल नतीजे नहीं, बल्कि उन पलों की कहानियाँ मिलेंगी जो क्रिकेट के दिल को छू गईं।
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