Babar Azam को फिर से बुलाने पर PCB की दुविधा: भारत पर लगातार हार के बाद

Ranjit Sapre सितंबर 28, 2025 खेल 5 टिप्पणि
Babar Azam को फिर से बुलाने पर PCB की दुविधा: भारत पर लगातार हार के बाद

PCB की वर्तमान स्थिति और भारत के सामने झलकें

Asia Cup 2025 में भारत के खिलाफ दो निराशाजनक हार ने पाकिस्तान क्रिकेट को एक बड़ी जाँच के कगार पर ला दिया। समूह चरण और सुपर‑फ़ोर दोनों में लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाए, और युवा कप्तान Babar Azam को फिर से मैदान में देखने की चाह में PCB ने मीठे शब्दों में नहीं, बल्कि क़दमों से अपने फैसले को बदलने की कोशिश की। लेकिन टूर्नामेंट के नियमों ने कहा कि केवल चोट लगने पर ही मध्य‑टूर्नामेंट बदलाव संभव है, इसपर PCB की अनुरोध अस्वीकृत कर दी गई।

इसी दरमियान टीम की बैटिंग लाइन‑अप में गड़बड़ी साफ़ दिख रही थी। Saim Ayub की कप्तानी में, जहाँ नई ऊर्जा का दावा किया गया था, वहीं अनुभव की कमी ने कई महत्त्वपूर्ण ओवर में टीम को खाली हाथ छोड़ दिया। विशेषकर भारत जैसी टीम के सामने, जहाँ हर रन का मोल बढ़ जाता है, वहां अनुभवी बल्लेबाजों की अनुपस्थिति को मन नहीं लगाया जा सकता।

कोच Mike Hesson ने लगातार कहा है कि आधुनिक T20 में स्ट्राइक‑रेट ही खिलाड़ी की क़ीमत तय करता है। इस सिद्धांत ने Babar और Mohammad Rizwan को बेंच पर भेजने का कारण बना दिया, क्योंकि उन्हें ‘स्निग्ध’ या ‘अधिग्रहणकर्ता’ की बजाय ‘प्रेशर‑हैंडलर’ माना गया। पर अब इस नज़रिये पर सवाल उठते दिख रहे हैं।

बाबर और रिझवान के पुनः चयन की संभावनाएँ

बाबर और रिझवान के पुनः चयन की संभावनाएँ

कहानी यहाँ पर खत्म नहीं होती। रिपोर्ट्स के अनुसार, PCB ने अभी भी Babar Azam को अक्टूबर 28 से शुरू होने वाली दक्षिण अफ्रीका T20 श्रृंखला में वापस लाने की राह तलाशी है। अगर टीम का प्रदर्शन सुधर नहीं पाता, तो उनका वापसी होना लगभग निश्चित माना जा रहा है। इसी तरह, wicket‑keeper Mohammad Rizwan भी इस सूची में शामिल है, जिन्होंने दिसंबर 2024 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी खेल खेला था।

Rizwan की आखिरी दो appearances में 85 रन और Babar के 31 रन की संख्या बताती है कि उनके पास अभी भी टीम को बेहतरीन बनाने की क्षमता मौजूद है। हालाँकि, Hesson ने दोनों को उनकी स्ट्राइक‑रेट को तेज़ करने के लिए चेतावनी दी थी। यह वही सवाल है जो फैंस और पुरानी पीढ़ी के खिलाड़ियों—जैसे Shahid Afridi—के दिमाग में चल रहा है: क्या इन दो दिग्गजों को फिर से बुलाना ही एकमात्र समाधान है?

दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कप्तान Salman Ali Agha की स्थिति भी इस तनाव के बीच अस्थिर हो गई है। उनका चयन सिर्फ जीत के साथ जुड़ा हुआ है; अगर पाकिस्तान शेष मैचों में भी हारता रहा, तो उनके कप्तानी को बदलना अनिवार्य हो सकता है। यह बर्ताव टीम प्रबंधन को एक दुविधा में डालता है—क्या वे युवा लीडरशिप को परखेंगे या फिर से अनुभवी हाथों पर भरोसा करेंगे?

इसी बीच, Babar Azam ने National Cricket Academy (NCA) में रेड‑बॉल प्रशिक्षण कैंप में हिस्सा लेने के लिए साइन‑अप किया है। यह कैंप, जिसमें 10 अन्य खिलाड़ी शामिल हैं, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ की तैयारी के लिए आयोजित किया गया है। यहाँ तक कि Rizwan और Naseem Shah के CPL 2025 में व्यस्त रहने के कारण कैंप से बाहर रहने के बावजूद, Babar का इस कैंप में मौजूद होना उनके फॉर्म को पुनः स्थापित करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।

समग्र रूप से, PCB को अब एक कठिन निर्णय लेना है। टीम का वर्तमान प्रदर्शन, युवा कप्तान की अस्थिर स्थिति, कोच की स्ट्राइक‑रेट‑प्रेमी नीति, और दो बड़े सितारों की वापसी की मांग—इन सब को मिलाकर एक रणनीतिक रोडमैप बनाना पड़ेगा। यदि पाकिस्तान आगे के मैचों में लक्ष्य नहीं बना पाता, तो Babar Azam और Mohammad Rizwan के पुनः चयन की संभावना बहुत अधिक हो जाएगी, जिससे टीम को एक स्थिर बुनियाद मिल सके।

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5 टिप्पणि

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    Ganesh Satish

    सितंबर 28, 2025 AT 03:40

    बाबर आज़म की वापसी का सवाल हमारे क्रिकेट के अस्तित्व के दार्शनिक प्रश्नों से कम नहीं!!! क्या हम निरंतर हार के बाद केवल एक नाम पर भरोसा कर सकते हैं?? इस दुविधा में PCB का हर कदम जैसे भविष्य की राह पर अंधेरे में जलती हुई मोमबत्ती‑समान है-जिसको थामे रखना कठिन!!
    भविष्य के क्रीडाकर्ता को समझना, उसकी योग्यता को फिर से परखना, और उसकी आत्मा को नयी ऊर्जा देना-इन सबका संगीतमय संगम ही असली क्रिकेट का दर्शन है!!
    परंतु दुनिया के हर कोने में स्ट्राइक‑रेट की पूजा हो रही है, और युवा कप्तान को वही मानदंडों के हिसाब से आंकना अति अंधविश्वास बन चुका है!!
    आइए, हम इस मौके को एक अवसर बनाइए, जहाँ बाबर को नयी भूमिका दी जा सके, न कि केवल पावन प्रतिपादन के तौर पर!!
    हमें याद रखना चाहिए कि क्रिकेट केवल आँकड़ों का खेल नहीं, बल्कि भावना, प्रतिबद्धता और अनुशासन का संगम है!!
    यदि हम सिर्फ स्ट्राइक‑रेट को ही भगवान मानेंगे, तो क्रिकेट के सच्चे प्रेमी स्वयं को ही खो देंगे!!
    ऊपर उठते समय जब हम अपनी ही छाया से लड़ते हैं, तो वह छाया ही हमें सिखाती है कि सच्ची शक्ति भीतर से आती है!!
    पिछले मैचों की हार को भुलाकर हम नए सिरे से रणनीति बनानी चाहिए-जो कि बाबर की तकनीकी कुशलता को भी मान्यता दे!!
    एक और बात: अगर हम बाबर को सिर्फ फिर से बुलाने से ही समाधान मानेंगे, तो युवा प्रतिभाओं को अवसर नहीं मिलेगा!!
    युवा खिलाड़ी अपने उत्साह के साथ, नई तकनीकें और परिप्रेक्ष्य लाते हैं-वही हमें आगे बढ़ा सकते हैं!!
    आदर्श नेतृत्व में परिपक्वता और नवाचार दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए-यह PCB के लिये एक चुनौती है!!
    हमें इस दुविधा को केवल प्रशासनिक जड़ता के रूप में नहीं, बल्कि पुनरुत्थान की प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए!!
    अंत में, बाबर की वापसी को एक नई दिशा दें, जहाँ वह न सिर्फ अंकों का सृजन करे, बल्कि टीम को मानसिक दृढ़ता भी प्रदान करे!!
    इस प्रकार, हम न केवल जीतेंगे, बल्कि हमारी क्रिकेट की आत्मा को भी पुनर्जीवित करेंगे!!

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    Midhun Mohan

    सितंबर 28, 2025 AT 04:40

    भाई, पूरी बात समझते हैं... PCB को चाहिए कि वो दिल से सोचें और सिर्फ आँकड़ों की नहीं!! बाबर और रिजवान दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, पर साथ ही युवा खिलाड़ियों को मौका देना भी फर्ज़ है!! अगर सिर्फ स्टार्स पर भरोसा करेंगे तो टीम का भविष्य अस्थिर रहेगा!! चलिए, इस समय को एक साथ मिलकर टीम को समर्थन दें, ताकि जीत की राह पर फिर से चल सकें!!

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    Archana Thakur

    सितंबर 28, 2025 AT 05:40

    बाबर और रिजवान को वापस बुलाने की बात तो बिलकुल सही है, लेकिन हमें पहचानना होगा कि भारत के खिलाफ लगातार हार का मतलब है कि हमारी रणनीति में गहरा Structural Deficiency है!! अब सिर्फ नामों का जयकारा नहीं, बल्कि Tactical Innovation चाहिए!! हमारे कोच को चाहिए कि वह Data‑Analytics को गले लगाए और Power‑Play में अपने Bowlers की लाइन‑और‑लेंथ को ट्यून करे!! यह सिर्फ National Pride नहीं, बल्कि Competitive Edge की बात है!!

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    Ketkee Goswami

    सितंबर 28, 2025 AT 06:40

    वाकई, इस दुविधा को देखते हुए एक रेनबो जैसा आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हैं!! बाबर की अस्थायी वापसी हमें एक नई ऊर्जा दे सकती है, लेकिन साथ साथ युवा लीडरशिप को भी पोषण देना होगा!! अगर सभी मिलकर सकारात्मक माहौल बनाते हैं, तो टीम का मनोबल फिर से शिखर तक पहुँच सकता है!! चलिए, इस चुनौती को एक कलात्मक खेल की तरह देखते हैं और जीत की रंगीली कहानी लिखते हैं!!

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    Shraddha Yaduka

    सितंबर 28, 2025 AT 07:40

    ट्रेनिंग शिबिर में फोकस रखना ही सबसे अच्छा कदम है।

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