प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर उनके साथ चार प्रस्तावक मौजूद थे - पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर। इन प्रस्तावकों का चयन समावेशिता का एक संदेश देने के लिए किया गया था, जो विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सभी प्रस्तावक वाराणसी के निवासी हैं और विभिन्न पृष्ठभूमि से आते हैं। पंडित गणेश्वर शास्त्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं, बैजनाथ पटेल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य हैं, लालचंद कुशवाहा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से आते हैं, और संजय सोनकर दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह विविधता भारतीय समाज की बहुलता को दर्शाती है।
PM मोदी के साथ BJP के वरिष्ठ नेताओं का एक समूह भी मौजूद था, जिसमें पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी शामिल थे। इसके अलावा, NDA के नेताओं का एक समूह भी उपस्थित था, जिसमें महाराष्ट्र, मेघालय और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे।
वाराणसी की जनता और NDA सहयोगियों का आभार
नामांकन दाखिल करने के बाद, PM मोदी ने वाराणसी की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और राष्ट्रीय प्रगति तथा क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए NDA सहयोगियों के साथ अपनी साझेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि NDA गठबंधन देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
PM मोदी ने वाराणसी में किए गए विकास कार्यों का भी उल्लेख किया, जैसे कि बुनियादी ढांचे का निर्माण, स्वच्छता अभियान, और गंगा नदी के सौंदर्यीकरण के प्रयास। उन्होंने शहर की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित किया।
वाराणसी में मतदान 1 जून को
वाराणसी में मतदान 1 जून को होगा। कांग्रेस ने अजय राय और बसपा ने अतहर जमाल लारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, PM मोदी को एक बार फिर से जीत हासिल करने की उम्मीद है, क्योंकि उन्होंने पिछले दो चुनावों में वाराणसी सीट पर जीत दर्ज की है।
वाराणसी का महत्व
वाराणसी न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, बल्कि यह शहर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल इस शहर में स्थित हैं। साथ ही, वाराणसी लंबे समय से शिक्षा और कला का केंद्र रहा है।
PM मोदी के नेतृत्व में, वाराणसी ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय विकास देखा है। शहर का बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ है, पर्यटन को बढ़ावा मिला है, और स्वच्छता में सुधार हुआ है। इसलिए, वाराणसी सीट का चुनाव न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर के भविष्य के लिए भी अहम है।
कुल मिलाकर, PM मोदी के वाराणसी नामांकन ने एक बार फिर उनकी लोकप्रियता और जनता के बीच पकड़ को रेखांकित किया है। चार प्रस्तावकों के साथ उनकी उपस्थिति ने समावेशिता और विविधता का संदेश दिया। अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि 1 जून को होने वाले मतदान में वाराणसी की जनता किसे चुनती है।