लोकसभा में ओवैसी ने खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष का किया जिक्र, संसद के रिकॉर्ड से हटाया गया

लोकसभा में ओवैसी ने खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष का किया जिक्र, संसद के रिकॉर्ड से हटाया गया
Tarun Pareek
राजनीति 0 टिप्पणि
लोकसभा में ओवैसी ने खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष का किया जिक्र, संसद के रिकॉर्ड से हटाया गया

असदुद्दीन ओवैसी का लोकसभा में विवादित बयान

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जब 17वीं लोकसभा में अपनी सदस्यता की शपथ ली, तो उन्होंने उर्दू में शपथ ग्रहण करते हुए एक प्रार्थना भी की। शपथ लेने के बाद उन्होंने तेलंगाना, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को सलामी दी और मुसलमानों के लिए एआईएमआईएम का नारा लगाया। इस दौरान उन्होंने एक संघर्षग्रस्त पश्चिम एशियाई क्षेत्र का भी उल्लेख किया, जिससे सत्ता पक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

सत्ता पक्ष की तीव्र प्रतिक्रिया

ओवैसी द्वारा पश्चिम एशियाई क्षेत्र का उल्लेख करने पर सत्ता पक्ष में हंगामा मच गया। सांसदों ने उनकी इस टिप्पणी पर जोरदार आपत्ति जाहिर की। इस पर आगे बढ़ते हुए अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने यह स्पष्ट किया कि शपथ ग्रहण के दौरान कही गई शपथ से परे कुछ भी आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जाएगा।

प्रोटेम स्पीकर भार्तृहरि महताब ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि शपथ ग्रहण या पुष्टि के अलावा कुछ भी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनेगा। उन्होंने समझाया कि शपथ ग्रहण के तुरंत बाद की गई किसी भी टिप्पणी को आधिकारिक दस्तावेजों में जगह नहीं दी जाएगी।

ओवैसी का सफाई और महात्मा गांधी का जिक्र

जब असदुद्दीन ओवैसी से इस विषय में सवाल किया गया कि उन्होंने पश्चिम एशियाई क्षेत्र का उल्लेख क्यों किया, तो उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने 'जय फिलिस्तीन' कहा था। ओवैसी ने कहा कि फिलिस्तीन के लोग उत्पीड़ित हैं और उनका समर्थन करना आवश्यक है। ओवैसी ने इस संदर्भ में महात्मा गांधी की फिलिस्तीन संबंधी टिप्पणियों का भी हवाला दिया।

ओवैसी के इस बयान के बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया। सांसदों के हंगामे के चलते अन्य सदस्यों का शपथ ग्रहण थोड़ी देर के लिए थम गया। अध्यक्ष ने आखिरकार व्यवस्था बहाल की और शपथ ग्रहण फिर से शुरू हुआ।

लोकसभा में शपथ ग्रहण की महत्ता

लोकसभा में शपथ ग्रहण की महत्ता

लोकसभा में शपथ ग्रहण प्रक्रिया भारतीय लोकतंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा है। जब नव-निर्वाचित सदस्य संसद की सदस्यता की शपथ लेते हैं, तो वे संविधान के प्रति निष्ठा और देश की संप्रभुता की सुरक्षा की कसम खाते हैं। इस प्रक्रिया का सम्मान और इसका पालन करना हर सांसद का कर्तव्य है।

संसद में शपथ ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार की अनावश्यक टिप्पणी या विवाद से सदन की गरिमा को ठेस पहुंच सकती है। ओवैसी की इस टिप्पणी ने इसे स्पष्ट कर दिया कि शपथ ग्रहण के दौरान किसी भी मुद्दे को राजनीतिक रूप देना संवैधानिक प्रक्रिया का अपमान है।

डेमोक्रेटिक प्रक्रिया में गरिमा

लोकसभा में इस प्रकार की घटनाएं राजनीतिक मानस को दर्शाती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हमारे सांसद संविधान के प्रति अपने दायित्वों और कर्तव्यों को समझें और निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें। जिस प्रकार ओवैसी द्वारा शपथ ग्रहण प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक बयान दिया गया, वह न केवल संवैधानिक अनादर का मामला है बल्कि संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को भी ठेस पहुँचता है।

आवश्यकता है संयम और अनुशासन की

इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि संसद, जो कि देश की सबसे बड़ी कानून निर्माण संस्था है, में चुने गए सदस्य अपने वक्तव्यों में संयम और अनुशासन बनाए रखें। राजनीतिक असहमति और विचारों की भिन्नता लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन इसे अभिव्यक्त करते समय जिम्मेदारी और सम्मान का पालन करना आवश्यक है।

सदस्यों की जिम्मेदारी

संसद सदस्य देश के लाखों नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और उनकी हर टिप्पणी और बयान का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिम्मेदारी के साथ अपने विचारों को प्रकट करना सांसदों का कर्तव्य है। इस दिशा में सतर्कता और विचारपूर्वक उठाया गया हर कदम देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करता है।

खुद को जताने का सशक्त मंच

सांसदों को समझना होगा कि संसद में उनका हर शब्द और क्रिया संविधान और देश की जनता के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है। यह मंच सिर्फ विधायी चर्चा के लिए ही नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने और संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करने का भी है। इस प्रकार की घटनाएं हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर कर सकती हैं और इसे रोकने के लिए सभी पक्षों का सहयोग आवश्यक है।

ऐसी ही पोस्ट आपको पसंद आ सकती है

  • लोकसभा में ओवैसी ने खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष का किया जिक्र, संसद के रिकॉर्ड से हटाया गया

    लोकसभा में ओवैसी ने खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष का किया जिक्र, संसद के रिकॉर्ड से हटाया गया

    एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद तेलंगाना, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का सम्मान किया और मुसलमानों के लिए एआईएमआईएम का नारा लगाया। इसके अलावा, उन्होंने एक संघर्षग्रस्त पश्चिम एशियाई क्षेत्र का उल्लेख किया, जिससे सत्ता पक्ष में हंगामा हो गया। अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने आश्वासन दिया कि शपथ से परे कुछ भी रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। बाद में प्रोटेम स्पीकर ने भी यही बात दोहराई।