फ्रांस के खिलाफ न्यू कैलेडोनिया में मतदान नियमों को लेकर हिंसक प्रदर्शन, चार की मौत, सैकड़ों घायल

Ranjit Sapre मई 16, 2024 अंतरराष्ट्रीय 15 टिप्पणि
फ्रांस के खिलाफ न्यू कैलेडोनिया में मतदान नियमों को लेकर हिंसक प्रदर्शन, चार की मौत, सैकड़ों घायल

फ्रांसीसी प्रशांत द्वीप क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया में नए मतदान नियमों के विरोध में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे हैं जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का सुरक्षा बलों से टकराव हो रहा है। 3 लाख से अधिक आबादी वाले इस द्वीप पर स्वदेशी कनाक लोग केवल 40% हैं और उन्होंने लंबे समय से फ्रांसीसी शासन का विरोध किया है।

हाल ही में किए गए विधायी परिवर्तनों के तहत हजारों नए फ्रांसीसी आगंतुकों को मतदाता सूची में शामिल किया गया है। स्वदेशी समूहों का तर्क है कि यह उनकी स्वशासन की मांग को कमजोर करेगा। फ्रांसीसी संसद के इस फैसले से कनाक लोग नाराज हैं कि एक दशक या उससे अधिक समय से न्यू कैलेडोनिया में रह रहे फ्रांसीसी निवासियों को भी मतदान का अधिकार दिया जाए। वे इसे अपनी स्वतंत्रता की आकांक्षा के लिए खतरा मानते हैं।

मंगलवार को संसद के फैसले के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों में तीन स्वदेशी लोगों और एक फ्रांसीसी सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई है। 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई प्रदर्शन नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। इस दौरान लूटपाट, आगजनी की घटनाएं हुई हैं। स्कूल, हवाई अड्डे बंद हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

स्वदेशी लोगों की स्वतंत्रता की मांग

कनाक लोग लंबे समय से फ्रांस से स्वतंत्रता की मांग करते आ रहे हैं। फरवरी से ही नौमिया में प्रदर्शन चल रहे हैं जिनका नेतृत्व कार्रवाई समन्वय इकाई (CCAT) और कनाक और समाजवादी राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (FLNKS) कर रहे हैं। वे 'कनाकी' नाम के नए देश की मांग कर रहे हैं।

न्यू कैलेडोनिया में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कोई नई बात नहीं है। 1990 के दशक में भी ऐसी ही अशांति के बाद 1998 में नौमिया समझौता हुआ था जिसके तहत पेरिस ने 20 साल में क्षेत्र और उसकी स्वदेशी आबादी को अधिक राजनीतिक शक्ति देने का वादा किया था। इस समझौते ने स्वतंत्रता पर तीन जनमत संग्रहों का भी रास्ता खोला जो 2018, 2020 और 2021 में हुए।

स्वतंत्रता पर जनमत संग्रह

तीनों जनमत संग्रहों में बहुमत ने स्वतंत्रता को खारिज कर दिया जिससे फ्रांस को क्षेत्र की सेना, आव्रजन, विदेश नीति, अर्थव्यवस्था और चुनावों पर नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति मिली। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने शांति और संवाद का आह्वान किया है। उन्होंने फ्रांसीसी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को न्यू कैलेडोनिया में फ्रांस विरोधी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू करने का आदेश दिया है।

हालांकि, प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई जारी है। CCAT के 10 नेताओं को नजरबंद किया गया है। स्वतंत्रता समर्थक गठबंधन FLNKS ने बुधवार को हिंसा खत्म करने का आह्वान किया है लेकिन यह अनिश्चित है कि वे समझौते के लिए तैयार होंगे।

न्यू कैलेडोनिया की जनसांख्यिकी

जनसंख्या प्रतिशत
कनाक लोग 40%
अन्य 60%

फ्रांसीसी सरकार ने अशांति को काबू करने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया है और अतिरिक्त सैन्य एवं पुलिस बल तैनात किए हैं। व्यवस्था बहाल करने के लिए 500 कर्मियों को भेजा गया है। लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे और हिंसा जारी है। कई नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

फ्रांस के खिलाफ स्वदेशी लोगों के गुस्से को देखते हुए यह संकट जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा। दोनों पक्षों को संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की जरूरत है ताकि न्यू कैलेडोनिया में शांति और स्थिरता कायम हो सके।

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15 टिप्पणि

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    Partho Roy

    मई 16, 2024 AT 22:34

    समय की धारा में हमेशा वही सवाल दोहराते रहे हैं कि सत्ता और स्वायत्तता का संतुलन कैसे स्थापित किया जाए। इतिहास हमें दिखाता है कि जब एक जनसमुदाय अपनी पहचान को अस्वीकार कर दिया जाता है तो उसकी असंतोष की लहर अनिवार्य रूप से उठती है। न्यू कैलेडोनिया में वर्तमान तनाव इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि स्वदेशी लोगों की आत्मनिर्णय की आकांक्षा को कौनसे साधनों से रोकना संभव नहीं। जब फ्रांस ने मतदान अधिकार को नए आगंतुकों तक विस्तारित किया तो वह असहमति का एक बड़ा कारण बन गया। इस फैसले ने सिर्फ एक राजनीतिक कदम नहीं बल्कि सांस्कृतिक पहचान के संघर्ष को भी जन्म दिया। इस तरह की नीतियों में अक्सर प्रमुख वर्ग की आवाज़ को अधिकतम किया जाता है जबकि अल्पसंख्यकों की चिंताओं को अनदेखा किया जाता है। परिणामस्वरूप संघर्ष तेज़ी से बढ़ता है और हिंसा का रूप ले लेता है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र केवल बहुसंख्यक की इच्छाओं को प्रतिबद्ध नहीं करता, बल्कि सभी धड़ों की सहभागिता को सुनिश्चित करता है। यदि स्वदेशी लोगों को अस्थायी रूप से अपने अधिकारों से वंचित किया जाए तो सामाजिक असंतुलन गहरा हो जाता है। इस तरह की परिस्थितियों में सरकार को संवाद के मंच को उजागर करना चाहिए न कि दमन की ताकत को बढ़ाना। न्यू कैलेडोनिया की जलवायु, सामाजिक संरचना और आर्थिक स्थिति को समझते हुए नीतियों को संतुलित रूप से बनाना आवश्यक है। अन्य देशों के समानांतर मामलों से यह स्पष्ट है कि जब तक आत्मनिर्णय का सम्मान नहीं किया जाता तब तक शांति की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस संदर्भ में फ्रांस को अपने उपनिवेशीय नीति को पुनः परखने की जरूरत है। जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर जो अंधभ्रम और गलत जानकारी फैली है, वह भी एक बड़ा खतरा है। इसलिए सूचना का सत्यापित स्रोत बनाकर जनता को सच्ची तस्वीर दिखाना आवश्यक है। अंत में यह कहा जा सकता है कि स्थायी शांति तभी संभव है जब सभी पक्ष संवाद के माध्यम से समाधान खोजें।

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    Ahmad Dala

    मई 17, 2024 AT 23:34

    यह स्पष्ट है कि फ्रांस का नया मतदान नियम असंगत है और यह स्वदेशी लोगों को मूलभूत अधिकारों से वंचित करने की कोशिश है। वहाँ की राजनीतिक एलिट ने इस निर्णय को बड़े पैमाने पर जनता की राय को भुलाकर तय किया।

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    RajAditya Das

    मई 18, 2024 AT 21:47

    बिल्कुल, इस तरह का कदम केवल तनाव को बढ़ाता है 😒।

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    Harshil Gupta

    मई 20, 2024 AT 07:07

    अगर हम ऐतिहासिक संदर्भ देखें तो न्यू कैलेडोनिया में पहले भी समान प्रकार की असहमतियों का समाधान संवाद के माध्यम से हुआ था। अब भी कई विशेषज्ञ कहते हैं कि स्थानीय नेतृत्व के साथ मिलकर एक समझौता किया जाए। यह न केवल हिंसा को कम करेगा बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता भी लाएगा।

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    Rakesh Pandey

    मई 20, 2024 AT 23:47

    देखो, अगर फ्रांस ने वास्तव में विकास को लक्षित किया है तो यह कदम सोच-समझ कर उठाना चाहिए था, नहीं तो यह केवल राजनीतिक खेल बना रहेगा।

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    Simi Singh

    मई 22, 2024 AT 03:34

    वास्तव में यह नहीं बताया गया कि ये नए मतदाता कहां से आ रहे हैं, क्या यह कोई छिपी हुई योजना नहीं है जिससे फ्रांस अपने विदेशी प्रभाव को बढ़ाए? यह पूरी तरह से एक जाल हो सकता है।

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    Balaji Venkatraman

    मई 22, 2024 AT 17:27

    स्वायत्तता के बिना कोई विकास नहीं।

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    Tushar Kumbhare

    मई 23, 2024 AT 12:54

    चलो इस परिस्थिति को लेकर सकारात्मक सोच रखें, सबको मिलकर समाधान निकालेंगे! 😊

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    Arvind Singh

    मई 24, 2024 AT 05:34

    यहाँ तक कि अगर हम तथ्यों को नजरअंदाज करें तो भी यह स्पष्ट है कि किसी भी सरकार को अपने लोगों की आवाज़ को दबाना नहीं चाहिए।

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    Vidyut Bhasin

    मई 24, 2024 AT 19:27

    कोई भी बेतुका नियम नहीं चलाता, सबको अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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    nihal bagwan

    मई 25, 2024 AT 17:41

    राष्ट्रवादी भावना को समझना जरूरी है, लेकिन इसे अतिशयोक्ति में बदलने से समाज में विभाजन बढ़ता है। हमें सबको एकजुट करना चाहिए।

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    Arjun Sharma

    मई 26, 2024 AT 18:41

    भाई, ये सब पॉलिटिकली कॉररेक्ट टर्म्स में बोले तो भी असली बात वही है कि जमीन का हक किसका है। चाहे जार्गन हो या नहीं, डिस्कशन चलाते रहो।

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    Sanjit Mondal

    मई 27, 2024 AT 11:21

    समाधान के लिए द्विपक्षीय संवाद आवश्यक है, दोनों पक्षों को अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना चाहिए और एक मध्यस्थ का सहयोग लेना चाहिए।

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    Ajit Navraj Hans

    मई 28, 2024 AT 12:21

    वास्तव में, न्यू कैलेडोनिया की समस्या को हल करने के लिए हमें कानूनी पहलुओं को भी देखना होगा, क्योंकि मतदान अधिकार का विस्तार एक संवैधानिक मुद्दा है।

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    arjun jowo

    मई 29, 2024 AT 10:34

    चलो इस मुद्दे को समझने की कोशिश करें, कौन से कदम उठाए जा सकते हैं, और सभी के लिए बेहतर भविष्य कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है।

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