पटाखा फैक्ट्री वो जगह है जहाँ धूमधाम वाले फटाकों को तैयार किया जाता है। छोटे‑छोटे रासायनिक घटकों को मिलाकर अंत में एक पॉलिश्ड उत्पाद मिलता है, जो शादी‑बारात, त्यौहार और सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल होता है। भारत में इस व्यापार की बड़ी मांग है, इसलिए कई छोटे‑मोटे कारखाने पूरे देश में चलते हैं।
सबसे पहले कच्चे माल जैसे पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फ़र और कार्बन को सही अनुपात में मिलाया जाता है। इसके बाद इस मिश्रण को छोटे‑छोटे कणों में पिसा जाता है और फॉर्मूला के अनुसार प्रेशर में भर दिया जाता है। हर चरण पर थर्मामीटर और प्रेशर मीटर से निगरानी रखी जाती है, ताकि बम बनते‑बनते में कोई गलती न हो। अंत में फाइनली पके हुए फटाके को पैक किया जाता है, लेबल लगे होते हैं और वे तैयार हो जाते हैं वितरण के लिए।
पटाखा फैक्ट्री चलाते समय सबसे जरूरी सुरक्षा उपाय है फायर फाइटिंग इक्विपमेंट का रखना। एग्ज़ॉस्ट फैन, स्प्रिंकलर और चोट‑रोकने वाले हेल्मेट अनिवार्य हैं। साथ ही, कारखाने के आसपास कोई आवासीय इलाका नहीं होना चाहिए, ताकि आकस्मिक दुर्घटना में न्यूनतम लोग प्रभावित हों।
कानूनी रूप से, प्रत्येक फैक्ट्री को राज्य के ड्रग एंड एक्सप्लोसिव्स एक्ट के तहत लाइसेंस लेना पड़ता है। लाइसेंस मिलने के बाद भी हर महीने की रिपोर्ट और निरीक्षण अनिवार्य होते हैं। अगर नियमों का उल्लंघन हो तो सज़ा में बंदी और भारी जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित रूप से सुरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए। एक छोटी गलती भी फटने वाले पदार्थ को अचानक विस्फोटित कर सकती है, इसलिए हर स्टाफ को आपातकालीन योजना और एंटी‑आक्यूट‑एंटॉक्सिकेशन्स से परिचित होना चाहिए।
अगर आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय प्रशासन से संपर्क करके सही लाइसेंस और ज़ोनिंग जानकारी लेनी चाहिए। साथ ही, विश्वसनीय सप्लायर से ही कच्चा माल खरीदें, क्योंकि कम क्वालिटी वाले रसायन से बड़े जोखिम होते हैं।
ज्यादा लोग फटाकों को सिर्फ उत्सव की शान मानते हैं, लेकिन सही प्रबंधन के बिना ये बहुत खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए, अगर आप पटाखा फैक्ट्री में निवेश या काम करने की सोच रहे हैं, तो सुरक्षा को प्राथमिकता देना और नियमों का पालन करना ही सबसे बड़ा कदम है।
सितंबर 20, 2025
तमिलनाडु के सिवकासी के पास चिन्नाकामनपट्टी में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ। कम से कम 8 लोगों की मौत और 5 घायल हुए, जिनमें 4 की हालत गंभीर है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। यह हादसा उस पैटर्न का हिस्सा है जिसमें क्षमता से ज्यादा उत्पादन, गलत स्टोरेज और खतरनाक रसायनों के दुरुपयोग जैसे उल्लंघन बार-बार पकड़ में आते रहे हैं।
और पढ़ें