बेंगलुरु में दीवाली 2025 की तिथियां: 18‑22 अक्टूबर, मुख्य मुहरत 7:08‑8:18 बजे

बेंगलुरु में दीवाली 2025 की तिथियां: 18‑22 अक्टूबर, मुख्य मुहरत 7:08‑8:18 बजे
Ranjit Sapre
संस्कृति 10 टिप्पणि
बेंगलुरु में दीवाली 2025 की तिथियां: 18‑22 अक्टूबर, मुख्य मुहरत 7:08‑8:18 बजे

जब बेंगलुरु में दीवाली 2025 मनाई जाएगी, तो शहर की सड़कों और घरों में रौशनी की लहर दौड़ जाएगी। इस बार का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर से लेकर बुधवार, 22 अक्टूबर तक पाँच दिनों तक चलने वाला है, जबकि मुख्य लाक्श्मी पूजा का मुहरत सोमवार, 20 अक्टूबर को शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक निर्धारित है। कई प्रमुख मीडिया संगठनों – बैंकबाज़ार.कॉम, हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया – ने यह समय‑सारणी प्रकाशित की है, जिससे लोग छुट्टियों की योजना बना सकते हैं। इस लेख में हम तिथियों, मुहरतों और स्थानीय माहौल की पूरी जानकारी देंगे।

दीवाली 2025 का समग्र सार और धार्मिक महत्व

दीवाली, जिसे अक्सर "रोशनी का त्योहार" कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार अकार्य निकष (अमावस्या) के समय मनाई जाती है। 2025 की अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर को दोपहर 5:54 बजे समाप्त होती है। जब अमावस्या सूर्यास्त से पहले शुरू होती है, तो प्रमुख लाक्श्मी पूजा उसी दिन की शाम को की जाती है – इसीलिए बेंगलुरु में मुख्य दीवाली सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह नियम पूरे कर्नाटक में समान रूप से लागू होता है, लेकिन विशेष रूप से बेंगलुरु में अमावस्या दो‑दिन तक चलने से कभी‑कभी तिथियों में भ्रम पैदा हो जाता है।

परिवारों के लिए यह अवसर केवल पूजा‑पाठ नहीं, बल्कि सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का भी अवसर है। घरों में दीये जले, रंगोलियाँ बनीं, और मिठाइयाँ बांटी गईं। ऐसा माहौल देखते ही बनता है कि बेंगलुरु की गलियों में समोसा‑जलेबी की खुशबू और पटाखों की गड़गड़ाहट मिलकर एक संगीतमय पृष्ठभूमि बनाती है।

बेंगलुरु में पाँच‑दिनीय आयोजन की विस्तृत तिथियां

नीचे दी गई सूची में हर दिन का नाम, तिथि और प्रमुख अनुष्ठान दिखाए गए हैं:

  • धनतेरस – शनिवार, 18 अक्टूबर 2025: गृहिणियों द्वारा देवी लाक्श्मी की पूजा, साथ ही घर में नए बर्तन और सोने-चांदी के सामान खरीदना प्रचलित है।
  • नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली/काली चौदस) – रविवार, 19 अक्टूबर 2025: घर में तेल का स्नान, लंबी लायतें जलाना और बुरे आत्माओं को दूर करने के लिए काली माँ की पूजा की जाती है।
  • मुख्य दीवाली (लाक्श्मी पूजा) – सोमवार, 20 अक्टूबर 2025: शाम 7:08‑8:18 बजे मुहरत के दौरान लाक्श्मी जी का स्वागत किया जाता है। इस मुहरत को बैंकबाज़ार.कॉम ने विशेष रूप से उल्लेख किया है।
  • गोवर्धन पूजा – मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025: भगवान कृष्ण की रक्षा के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है; इस दिन भी कई परिवार शाम को प्रसाद तैयार करते हैं।
  • भाई दूज – बुधवार, 22 अक्टूबर 2025: बहनें अपने भाइयों को टीका‑लागा कर उनके दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

उपर्युक्त तालिका बेंगलुरु में पाँच‑दिनीय दीवाली परंपरा का सार प्रस्तुत करती है। इस क्रम में हिंदुस्तान टाइम्स ने कहा है, "दीपावली के दो मुख्य दिन – 20 और 21 अक्टूबर – बेंगलुरु में सबसे ज्यादा रोशनी और शोर‑गुल से भरपूर रहेंगे।"

लाक्श्मी पूजा का विशेष मुहरत और हिन्दु कैलेंडर की जटिलताएँ

लाक्श्मी पूजा का मुहरत केवल समय नहीं, बल्कि उसका स्वरूप भी महत्व रखता है। सोमवार, 20 अक्टूबर को दो प्रमुख काल – प्रडोष काल (5:46‑8:18 बजे) और वृषभ काल (7:08‑9:03 बजे) – एक साथ मिलते हैं, जिससे शुभता का प्रभाव दो गुना बढ़ जाता है। इस प्रकार, मुहरत की दो‑तीन घंटे की अवधि को "सुवर्ण समय" के रूप में माना जाता है।

इन खगोलीय गणनाओं को इंडिया टुडे ने "विवरणात्मक पंचांग" के रूप में प्रकाशित किया है, जो बताता है कि "जब अमावस्या सूर्यास्त से पहले शुरू होती है, तो लाक्श्मी की पूजा उसी दिन की शाम को की जाती है, न कि अगले दिन पर"। यही कारण है कि कई सालों में बेंगलुरु में मुख्य दीवाली की तिथि 20 अक्टूबर के आसपास ही रहती है, जबकि कुछ सालों में यह 21 अक्टूबर को गिर सकती है।

यदि आप शुद्ध धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहते हैं, तो ड्रिक पंचांग ने बताया है कि 2025 की अमावस्या का वास्तविक ग्रहण 3:44 PM पर शुरू हुआ और 5:54 PM पर समाप्त हुआ, जिससे दोपहर के बाद के समय में प्रकाश‑अंधकार का अनुपात बदल जाता है। यह जानकारी स्थानीय ज्योतिषियों को अपने क्लाइंट्स को शुद्ध समय‑सिफ़ारिशें देने में मदद करती है।

स्थानीय मीडिया और विशेषज्ञों की राय

स्थानीय मीडिया और विशेषज्ञों की राय

एक तरफ टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि बेंगलुरु के प्रमुख शॉपिंग मॉल और ऑफिसों ने 20‑21 अक्टूबर को पूर्ण वार्षिक बंदी की घोषणा की है, जिससे प्रवासियों को यात्रा की योजना बनाने में आसानी होगी। दूसरी तरफ, एक स्थानीय ज्योतिषी, श्रुति शर्मा ने कहा, "इस साल का लाक्श्मी मुहरत बहुत अनुकूल है, क्योंकि यह दो प्रमुख कालों के समानांतर चल रहा है।"

साथ ही, आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि दीवाली की खरीद‑फरोख्त परंपरागत रूप से रिटेल सैल्स में 30‑40 % का बढ़ावा देती है। बेंगलुरु के प्रमुख ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म ने पहले ही अपने बड़े डिस्काउंट पैकेज जारी कर दिए हैं, जो इस बात का संकेत है कि आर्थिक पहलू भी इस त्योहार के साथ जुड़ा हुआ है।

दीवाली के सामाजिक‑सांस्कृतिक प्रभाव और अगले कदम

बेंगलुरु की सार्वजनिक संस्थाएँ, जैसे बंगलुरु महानगर पालिका, ने इस साल विशेष सुरक्षा उपायों की घोषणा की है। पुलिस ने कहा है कि "पैटर्नेड लाइटिंग, निचले भाग में ट्रैफ़िक नियंत्रण और अनधिकृत पटाख़ों पर कड़ी कार्रवाई" की जाएगी। यह कदम पिछले वर्षों में हुए दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं।

पर्यावरणीय समूह भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि "दीपावली की रात को लाइट‑पोल्यूशन कम करने के लिए LED दीयों को प्राथमिकता दें"। कई सामाजिक संगठनों ने यह सुझाव दिया है कि लोग पुनर्चक्रण योग्य सामग्री का उपयोग करें और ठेले वाले विक्रेताओं की सहायता करें, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी।

अंत में, बेंगलुरु के कई नागरिक अपने घरों में नई रांगोली डिज़ाइनों का प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें पारम्परिक काली-भांग के स्थलों के साथ आधुनिक ज्यामितीय पैटर्न मिलाते हुए दृश्य रूप से अद्भुत परिणाम देखे जा रहे हैं। यह बदलाव यह दर्शाता है कि दीवाली सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक‑सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी बन चुकी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बेंगलुरु में दीवाली के मुख्य दिन कौन‑से हैं?

दीवाली 2025 बेंगलुरु में शनिवार, 18 अक्टूबर (धनतेरस) से शुरू होकर बुधवार, 22 अक्टूबर (भाई दूज) तक चलती है। मुख्य लाक्श्मी पूजा का मुहरत 20 अक्टूबर को शाम 7:08‑8:18 बजे है।

लाक्श्मी पूजा का सही समय कैसे निर्धारित किया जाता है?

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, अमावस्या का प्रारम्भ सूर्यास्त से पहले होने पर ही लाक्श्मी पूजा उसी दिन की शाम में की जाती है। 2025 में अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 PM पर शुरू होकर 21 अक्टूबर को 5:54 PM पर समाप्त हुई, इसलिए मुख्य पूजा 20 अक्टूबर की शाम होती है।

क्या कार्य दिवसों में कोई बंदी होगी?

बेंगलुरु नगर पालिका ने 20‑21 अक्टूबर को सरकारी कार्यालयों और कई निजी कंपनियों को आधी छुट्टी की घोषणा की है। स्कूल‑कॉलेज वाणिज्यिक संस्थानों के समय‑सारणी में भी समायोजन किया गया है।

पर्यावरणीय रूप से दीवाली कैसे सुरक्षित मनाई जा सकती है?

पेट्रोल‑आधारित पटाख़ों की बजाय इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स और LED दीयों का उपयोग करें, रीसाइक्लेबल कागज से रांगोली बनाएँ, और कचरा निपटान के लिए अलग-अलग कंटेनर रखें। कई स्थानीय NGOs इस दिशा में जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

दीवाली के समय शॉपिंग के लिए कौन‑से ऑफ़र मिल सकते हैं?

बेंगलुरु के प्रमुख मॉल और ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म ने 20‑23 अक्टूबर के बीच "दीपावली सुपर सेल" चलाया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स पर 30 % तक की छूट, कपड़ों पर बाई‑वन‑डिस्काउंट और फूड डिलिवरी पर फ्री डिलीवरी शामिल है।

ऐसी ही पोस्ट आपको पसंद आ सकती है