मोदी 3.0: बदलती कैबिनेट में कई दिग्गज मंत्री हो सकते हैं बाहर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी में है। ऐसे में इस बार की कैबिनेट गठन को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव की सम्भावना जताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर जैसे कई मौजूदा मंत्री इस बार कैबिनेट से बाहर हो सकते हैं। स्मृति ईरानी, जो वर्तमान में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं, हाल ही में अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गई हैं। अमेठी से कांग्रेस के कद्दावर नेता किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को मात दी।
वहीं, अनुराग ठाकुर, जो हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रहे थे, उन्हें भी इस बार कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है। अनुराग ठाकुर के पास खेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। इन सभी बदलावों का मुख्य उद्देश्य कैबिनेट में नए चेहरों को जगह देना और संतुलन बनाना है।
अन्य कई बड़े मंत्री भी बदलाव की सूची में
सूची में शामिल अन्य बड़े नामों में अर्जुन मुंडा, नारायण तातू राने, राज कुमार सिंह, महेंद्र नाथ पांडे, परशोत्तम रुपाला, फग्गन सिंह कुलस्ते, अश्विनी कुमार चौबे, वीके सिंह, दानवे रावसाहेब, निरंजन ज्योति, संजीव कुमार बाल्यान, राजीव चंद्रशेखर, भानु प्रताप सिंह, दर्शना हारदोश, वी मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी, सोम प्रकाश, कैलाश चौधरी, रमेश्वर तेली, ए नारायण स्वामी, कौशल किशोर, अजय कुमार, कपिल पाटिल, सुभाष सरकार, प्रतीमा भौमिक, भागवत कराड, राजकुमार रंजन सिंह, भारती पवार, बिश्वेश्वर टुडू, डॉ मुनजापारा, जॉन बारला और निसिथ प्रमाणिक शामिल हैं।
कैबिनेट में संतुलन और नई चेहरे
भाजपा का उद्देश्य कैबिनेट में संतुलन और नए चेहरों को मौका देना है। पार्टी अपने एनडीए सहयोगियों के साथ कैबिनेट सीटों को साझा करने पर जोर दे रही है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य कैबिनेट में युवा और अनुभवी नेताओं का समायोजन करना है ताकि सरकार की कार्यशैली में नई ऊर्जा जमाई जा सके।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने मोदी के साथ मिलकर बैठकें की हैं। इनमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण और मनसुख मांडविया जैसे नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। मोदी का यह कदम 2014 से कैबिनेट गठन से पहले 'टी पार्टी' आयोजित करने की परंपरा का हिस्सा है।
समाप्ति और अगली चुनौतियां
यह बदलाव सिर्फ भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी नई दिशा बना सकता है। कैबिनेट में नवाचार और संतुलन का यह प्रयास आगामी चुनावों और देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नयी कैबिनेट की कार्यशैली और निर्णय किस प्रकार मोदी सरकार की वर्तमान और भविष्य की नीतियों को आकार देते हैं।