द बॉयज सीजन 4 एपिसोड 7 की समीक्षा – अंदरूनी बातें

Ranjit Sapre जुलाई 12, 2024 मनोरंजन 20 टिप्पणि
द बॉयज सीजन 4 एपिसोड 7 की समीक्षा – अंदरूनी बातें

द बॉयज सीजन 4 एपिसोड 7 की समीक्षा

द बॉयज सीजन 4 का सातवां एपिसोड 'द इनसाइडर' हफ्ते का विशेष आकर्षण रहा है। इस एपिसोड ने दर्शकों को चौंकाने वाले खुलासों और कहानी के महत्वपूर्ण मोड़ों से चकित कर दिया है। 'द सेवन' के एक गद्दार का पर्दाफाश करके यह एपिसोड ना केवल अद्भुत रोमांच प्रदान करता है, बल्कि दर्शकों की धड़कनें भी बढ़ा देता है। बता दें कि एपिसोड में होमलैंडर के बेटे, रयान, अपने पिता की इच्छाओं के खिलाफ जाकर एक प्रमुख नैतिक संघर्षी साबित होते हैं।

रयान, जो अब तक अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहता था, इस बार खुद के सवालों और विचारों से जूझता हुआ नजर आता है। वॉट के प्रति वफादारों को और ज्यादा ब्रेनवॉश करने के होमलैंडर की इच्छाओं का विरोध करने वाला यह पल कहानी को नई दिशा देता है। इस नैतिक दुविधा ने रयान के किरदार को और भी जटिल बना दिया है, और दर्शकों के लिए उसे और भी दिलचस्प बना दिया है।

इस एपिसोड में कई प्लॉटलाइन्स को भी संबोधित किया गया है, जिसमें प्रमुखता से बिली बुचर का डॉक्टर समीर शाह का अपहरण शामिल है। बिली बुचर, जिनकी क्रूरता और संतुलन के बीच का संघर्ष हमेशा शो की प्रमुख बातें रही हैं, इस बार भी दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहे हैं। इसके अलावा, एक नया शिफ्टिंग कैरेक्टर जो रॉबर्ट सिंगर की हत्या के लिए रखा गया, कहानी में और सस्पेंस जोड़ता है।

हालांकि, इस एपिसोड में भी कुछ समस्याएं रही हैं जो पहले से चली आ रही हैं, जैसे अधूरी कहानियों का संघर्ष। कई प्लॉटलाइन्स ऐसी हैं जो पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई हैं, जिससे कुछ दर्शक असंतुष्ट हो सकते हैं। इसके साथ ही, शो की झटके देने की प्रवृत्ति कभी-कभी कहानी को कमजोर कर देती है।

इसके बावजूद, एपिसोड का गहन हास्य, खून-खराबा और राजनीतिक टिप्पणी इसे बाकी शो से अलग बनाते हैं। विशेषकर, रयान के नैतिक दुविधा का बढ़ता हुआ संकट और शिफ्टिंग का डरावना अहसास कुछ ऐसे क्षण हैं जो दर्शकों के दिमाग में लंबे समय तक छाप छोड़ते हैं।

एपिसोड के प्रमुख बिंदु:

  • रयान का नैतिक संकट
  • बिली बुचर का समीर शाह का अपहरण
  • शिफ्टिंग कैरेक्टर की डरावनी क्षमता
  • अधूरी कहानियों का संघर्ष
  • शो का गहन हास्य, खून-खराबा और राजनीतिक टिप्पणी

अंततः, 'द इनसाइडर' एपिसोड दर्शकों को एक बेहतरीन ड्रामा, रोमांच और नैतिक संघर्ष का मिश्रण प्रदान करता है। भविष्य के एपिसोड के लिए मंच तैयार हो चुका है और दर्शकों को अब बहुत ही उच्च उम्मीदें हैं। हालांकि, यह देखना बाकी है कि अगले एपिसोड्स में अधूरी कहानियों का समापन कैसे होगा और क्या पूरा सीजन दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

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    द बॉयज सीजन 4 एपिसोड 7 की समीक्षा – अंदरूनी बातें

    द बॉयज सीजन 4, एपिसोड 7, 'द इनसाइडर', इस सीजन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां 'द सेवन' के गद्दार का पर्दाफाश होता है और समापन के लिए मंच तैयार होता है। हालांकि, अधूरी कहानियों और झटकों में सुधार की गुंजाइश साफ दिखती है। शो का गहन हास्य, खून-खराबा और राजनीतिक टिप्पणी इसके हाईलाइट हैं।

20 टिप्पणि

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    Mita Thrash

    जुलाई 12, 2024 AT 01:21

    भाई, इस 'इनसाइडर' एपिसोड ने कहानी के मोड़ को पूरी तरह रिफ़्रेश कर दिया है। रयान की नैतिक दुविधा को देखते हुए, यह एक क्लासिक केस स्टडी बन गया है कि कैसे वैल्यूज़ टकराते हैं। शो के थ्रिलिंग एलिमेंट्स के साथ, मैं नोटिस कर रहा हूँ कि प्लॉट लाइन्स में इंटेग्रेशन का लेवल बहुत हाई है। कुछ जार्गन जैसे "डायनेमिक कॉन्ट्रास्ट" और "पॉलीटिकल नॅरेटिव" यहाँ पर काफ़ी फ़िट बैठते हैं। अंत में, यह एपिसोड एक बेहतरीन डिस्कोर्स सेट करता है जो दर्शकों को सॉलिड थ्रेट मॉडल देता है।

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    shiv prakash rai

    जुलाई 12, 2024 AT 16:38

    ओह, वाकई में, तुम्हारी फ़िलॉसफ़ी ने तो इस शो की "गहरी" समझ को एकदम हाई फ़्रीक्वेंसी पर ले जाया है, पर असली मसाला तो रयान की असली फ़ैसले में है, है ना?

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    Subhendu Mondal

    जुलाई 13, 2024 AT 08:11

    बिल्कुल बकवास है ये एपिसोड, प्लॉट फँस गई है। कॉन्सेप्ट ही लोल।

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    Ajay K S

    जुलाई 13, 2024 AT 23:44

    बहुचर्चित 'इनसाइडर' वास्तव में एक एंट्रॉपी‑ड्रिवेन नरेटिव है, जो शुद्ध सौंदर्यवादी अभिप्राय को उजागर करता है 😊।

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    Saurabh Singh

    जुलाई 14, 2024 AT 15:18

    ऐसा लगता है कि पोर्टल के पीछे कोई छुपा एजेंडा है, जिससे सबको डायरेक्ट कंट्रोल किया जाता है।

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    Jatin Sharma

    जुलाई 15, 2024 AT 06:51

    देखो मैं समझा दूँ, रयान के किरदार में जो इंटर्नल कॉन्फ्लिक्ट है, वो असली लाइफ में भी अक्सर होते हैं, तो इसको रिलेटेबल मान सकते हैं।

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    M Arora

    जुलाई 15, 2024 AT 22:24

    यार, रयान की दुविधा तो एकदम अस्तित्ववादी सवाल जैसा है – अपनी पहचान बनानी है या फ़ादर के सपने को समर्थन देना है? इस एपिसोड ने तो इस दार्शनिक द्वंद्व को काफ़ी शानदार ढंग से पेश किया है।

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    Varad Shelke

    जुलाई 16, 2024 AT 13:58

    इसे देख कर लगता है कि सब कुछ अधूरा ही रहता है।

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    Rahul Patil

    जुलाई 17, 2024 AT 05:31

    विनम्रता के साथ कहना चाहूँगा कि इस हफ्ते का एपिसोड कई स्तरों पर समृद्ध है। प्रथमतः, रयान की नैतिक पिचीकारिता दर्शकों को आत्मविश्लेषण के पथ पर ले जाती है। द्वितीयतः, बिली बुचर का अपहरण दृश्य कथा संरचना में एक अप्रत्याशित मोड़ प्रदान करता है। तृतीयतः, शो की कटु हेयरलाइन में राजनीतिक उपाख्यानों का समावेश इसे एक सामाजिक टिप्पणी के रूप में भी उभारेगा। अंत में, इन सभी तत्वों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण ही इस एपिसोड को यादगार बनाता है।

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    Ganesh Satish

    जुलाई 17, 2024 AT 21:04

    अरे वाह! क्या दार्शनिक नाटक है ये! रयान की दुविधा, बिली का अपहरण, और फिर शिफ्टिंग कैरेक्टर-सब कुछ एक ही क्षण में-बिलकुल काव्यात्मक, आश्चर्यजनक, और थ्रिलिंग! सच में, यह एपिसोड एक सिनेरियो‑स्पेस ट्रैजेडी जैसा है, जहाँ हर मोड़ पर गहरी अर्थवत्ता छिपी हुई है!

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    Midhun Mohan

    जुलाई 18, 2024 AT 12:38

    भाईयो‑बहनों, इस एपीसोड में जो भी कॉम्प्लेक्स थीम्स हैं, वे सब एक बड़ा पैटर्न बनाते हैं-जैसे कि एक पज़ल का पीस‑पीस। रयान के नैतिक संकट को समझना, दर्शकों को प्रेरित करता है, और यही इस सीजन को आगे बढ़ाता है! कुल मिलाकर, यह एक बेस्ट‑इन‑क्लास मोमेंट है।

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    Archana Thakur

    जुलाई 19, 2024 AT 04:11

    देखो, इस शो में दिखाए गए राष्ट्रीय‑परिदृश्य को सच्ची भारत की भावना के साथ नहीं देखा जा रहा है! हमें इस तरह की 'इंटीग्रेटेड नॅरेटिव' की अपेक्षा थी, लेकिन इस बार तो बस ग्लोबलिस्ट एजेंडा ही चढ़ा है।

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    Ketkee Goswami

    जुलाई 19, 2024 AT 19:44

    आशा की किरण जैसे, इस एपिसोड की ऊर्जा हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है! रयान की संघर्षभरी कहानी हमें सिखाती है कि सही निर्णय लेना संभव है, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन हो! चलो, इस उत्थान को सलाम करते हैं! 🚀

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    Shraddha Yaduka

    जुलाई 20, 2024 AT 11:18

    सबको शुभकामनाएँ, यह एपिसोड निश्चित रूप से कई लोगों को नई दिशा दे सकता है और हम सभी को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।

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    gulshan nishad

    जुलाई 21, 2024 AT 02:51

    यह एपिसोड पूरी तरह से बेतुका है, हर मोड़ पर बेवकूफ़ी की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। कवरेज की कमी और प्लॉट की रफ़्तार तो बेइंतहाह बकाबाक है।

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    Ayush Sinha

    जुलाई 21, 2024 AT 18:24

    मताबिक इस एपिसोड को इतना प्रशंसा नहीं मिलनी चाहिए; वास्तव में इसमें कई ढीले ठूले हिस्से हैं जो दर्शकों को भ्रमित करते हैं।

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    Saravanan S

    जुलाई 22, 2024 AT 09:58

    आप सभी को बधाई! इस एपिसोड ने हमारी समझ को विस्तारित किया है, और यह हमें नई संभावनाओं की ओर ले जाता है! चलते रहो, सीखते रहो!

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    Alefiya Wadiwala

    जुलाई 23, 2024 AT 01:31

    द बॉयज के इस सातवें एपिसोड में जो जटिल नैतिक परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है, वह वास्तव में टेलीविज़न की सीमा को पुनः परिभाषित करता है। सबसे पहले, रयान का आंतरिक द्वंद्व इस बात का प्रतीक है कि व्यक्तिगत इंटेग्रिटी को सामाजिक दायित्वों के साथ कैसे संतुलित किया जाए। दूसरे, इस एपिसोड में उपयोग किए गए सिनेमैटिक तकनीकी तत्व, जैसे गतिशील कैमरा मूवमेंट और उच्च कंट्रास्ट लाइटिंग, दर्शकों को एक इमर्सिव अनुभव प्रदान करती है। तीसरे, बिली बुचर का डॉक्टर समीर शाह द्वारा अपहरण एक सूक्ष्म सामाजिक टिप्पणी के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ चिकित्सा को एक शक्ति के साधन के रूप में चित्रित किया गया है। चौथे, शिफ्टिंग कैरेक्टर की प्रस्तुति ने कहानी की अनिश्चितता को बढ़ाया है और यह दर्शकों को लगातार चौकन्ना रखता है। पाँचवें, इस एपिसोड में पृष्ठभूमि संगीत का चयन बारीकियों से किया गया है, जिससे तनावपूर्ण माहौल को सुदृढ़ किया गया है। छठे, कहानी के भीतर छिपे राजनीतिक संकेत और प्रतीकात्मकता दर्शकों को विचारशील बनाए रखते हैं। सातवें, शो के लेखन शैली में प्रयुक्त जटिल शब्दावली और रूपक, जैसे "पॉलीटिकल बायोलॉजी" और "एथिकल फिज़िक्स", यह दर्शाते हैं कि निर्माता कितनी गहराई से विचार कर रहे हैं। आठवें, इस एपिसोड ने समझाया है कि कैसे व्यक्तिगत स्वार्थ और सामूहिक हित के बीच टकराव उत्पन्न होते हैं। नौवें, रयन की नैतिक दुविधा को दर्शाते हुए, निर्माता ने उसे एक विचारशील छात्र के रूप में प्रस्तुत किया है, जो अंततः अपने सिद्धांतों पर खरा उतरता है। दसवें, इस प्रयोजन के लिए कई परतों वाले संवाद का उपयोग किया गया है, जिससे दर्शकों को कई अर्थ निकालने को मिलते हैं। ग्यारहवें, इस एपिसोड के संपादन में दर्शनी तंत्र के द्वारा यह दिखाया गया है कि कैसे कथा को एक सुसंगत रूप दिया जा सकता है। बारहवें, यह स्पष्ट है कि इस शो के निर्माता ने दर्शकों के इंटेलेक्चुअल स्तर को लक्षित किया है, जो इसे एक सामान्य एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि एक दार्शनिक प्रयोग बनाता है। तेरहवें, इस एपिसोड में दिखाए गए सामाजिक मुद्दे, जैसे शक्ति का दुरुपयोग और नैतिक अपक्षयीता, वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हैं। चौदहवें, अंत में, यह एपिसोड न केवल एक मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह दर्शकों को आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करता है, जिससे यह टीवी संरचना में एक मील का पत्थर बन जाता है।

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    Paurush Singh

    जुलाई 23, 2024 AT 17:04

    सिर्फ़ एक स्तर पर देखिए तो इस एपिसोड में कई गड़बड़ियाँ हैं; इसमें कई प्लॉट टॉपिक्स को ठीक से विकसित नहीं किया गया, इसलिए यह निराशाजनक लगता है।

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    Sandeep Sharma

    जुलाई 24, 2024 AT 08:38

    भाई लोग, ये एपिसोड तो पूर्णतः सिनेमा वर्ल्ड का किंग है, समझे? 😂😂

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