दिल्ली जल संकट: हरियाणा सरकार के खिलाफ आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली

Ranjit Sapre जून 2, 2024 समाचार 15 टिप्पणि
दिल्ली जल संकट: हरियाणा सरकार के खिलाफ आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली

दिल्ली जल संकट: आप सरकार का सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली में पानी की कमी के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यह मामला दिल्ली के जल मंत्री और आप नेता आतिशी द्वारा दायर की गई याचिका पर आधारित है। इस याचिका में केंद्र सरकार, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है, को भी उत्तरदाता बनाया गया है। इस याचिका की सुनवाई सोमवार को अवकाशकालीन पीठ के समक्ष होगी जिसमें न्यायमूर्ति पी के मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन शामिल होंगे।

दिल्ली में जल संकट क्यों?

दिल्ली में पानी की समस्या लंबे समय से चल रही है और यह समस्या गर्मियों में अधिक गंभीर रूप से देखी जाती है। दिल्ली की जनता को सदैव पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है, जिसे दूर करने के लिए आप सरकार लगातार प्रयासरत है। इन समस्याओं की जड़ में हरियाणा की जल आपूर्ति संबंधी कथित अनियमितताएँ बताई जा रही हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा सरकार ने तयशुदा हिस्से का पानी नहीं दिया है, जिससे यह संकट और गंभीर हो गया है।

आप सरकार के अनुसार, हरियाणा सरकार ने हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त पानी को देने से इनकार कर दिया है। इस पानी की कमी ने दिल्ली की जनता की दैनिक जीवन शैली पर बुरा प्रभाव डाला है। विशेषकर गर्मी के महीने में यह समस्या और बढ़ जाती है, जब पानी की मांग अपने चरम पर होती है।

याचिका की महत्वपूर्ण बातें

याचिका में आप सरकार ने हरियाणा सरकार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है। इन कड़े कदमों में हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त पानी छुड़वाने को प्रमुख स्थान दिया गया है। आप सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार को इस मामले में निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए और दिल्ली को न्याय दिलाने में सहयोग देना चाहिए।

अदालत में दाखिल याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा है कि इस संकट का तत्काल समाधान खोजा जाना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह हरियाणा सरकार को निर्देश दे कि वह हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त पानी को दिल्ली के लिए छोड़ दे और साथ ही एक दीर्घकालिक समाधान पर भी विचार करे।

राजनीतिक विवाद की छाया

राजनीतिक विवाद की छाया

इस मुद्दे ने एक राजनीतिक रंग भी ले लिया है, जहाँ आप और भाजपा एक-दूसरे के प्रति आक्रामक हैं। आप सरकार ने हरियाणा में भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते जल आपूर्ति को अवरुद्ध कर रहे हैं। यह विवाद पहले भी कई बार उठा है, लेकिन इस बार यह मामला उच्चतम न्यायालय तक जा पहुंचा है।

समाधान की दिशा में कदम

जल संकट का समाधान केवल कानूनी लड़ाई तक सीमित नहीं हो सकता। इसके लिए सभी पक्षों को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। दिल्ली सरकार ने पानी के उचित वितरण, जलस्त्रोत संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर कई योजनाएँ बनाई हैं। लेकिन हरियाणा से पानी की सप्लाई बिना दिल्ली का जल संकट हल नहीं हो सकता।

यह समय है जब केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और दोनों राज्य सरकारों के बीच एक संतुलन स्थापित करना चाहिए। इसके साथ ही दीर्घावधि में जल प्रबंधन की योजनाएं बनानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी राज्य को जल संकट का सामना न करना पड़े।

जल संकट का बढ़ता प्रभाव

दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और उससे बढ़ती जल की मांग इस संकट को और गंभीर बना रही है। आज दिल्ली एक ऐसा महानगर बन गया है जहाँ रोज़ाना लाखों लोग पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं। पानी की कमी का असर केवल घरेलू उपयोग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

इस संकट के चलते दिल्ली के निवासी बोरवेल और टैंकरों पर निर्भर हो गए हैं, जो अस्थायी समाधान हैं। यह न केवल आर्थिक रूप से महंगा है, बल्कि स्थायी समाधान भी नहीं है। एक स्थायी समाधान के लिए जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और पानी के बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।

भविष्य के लिए योजनाएँ

भविष्य के लिए योजनाएँ

दिल्ली सरकार ने जल संकट को दूर करने के लिए कई दीर्घकालिक योजनाएं बनाई हैं, जिनमें जल संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पुनर्चक्रण शामिल हैं। उन्होंने आह्वान किया है कि दिल्ली के नागरिक भी इसमें योगदान दें और पानी के सही उपयोग और सरंक्षण पर ध्यान दें। इसके साथ ही, शिक्षा और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि लोग पानी के महत्व को समझ सकें और जल संकट को दूर करने में सहायता करें।

अंततः, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो केवल दिल्ली या हरियाणा तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय मुद्दा है और इसे मिलकर सुलझाने की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में न्यायपूर्ण निर्णय देगा और देश के अन्य हिस्सों में भी जल संकट दूर करने के लिए नए मार्ग प्रशस्त हो सकेंगे।

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15 टिप्पणि

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    Ganesh kumar Pramanik

    जून 2, 2024 AT 20:02

    दिल्ली के जल संकट को लेकर लोग अब बर्चित हो रहे हैं, लेकिन हरियाणा की लापरवाही भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। सरकार की कार्रवाई में सख़्त रुख़ दिखाना ज़रूरी है, वरना स्थिति और बिगड़ जाएगी।
    ऐसे मुद्दे में कई बार राजनैतिक खेल देखे गए हैं, पर अब जनता को पानी नहीं मिला तो कोई और मज़ाक नहीं चलेगा।

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    Abhishek maurya

    जून 10, 2024 AT 13:10

    दिल्ली के जल संकट की जड़ में कई कारक हैं और उन्हें समझना आवश्यक है। पहला, जल आपूर्ति में असमानता है जो राज्य के बीच समन्वय की कमी को दर्शाती है। दूसरा, मौसमी परिवर्तन और अत्यधिक गर्मी ने जल स्रोतों को घटा दिया है। तीसरा, बुनियादी बुनियादी ढाँचे की कमी है जिससे टैंकर और बोरवेल पर निर्भरता बढ़ी है। चार, जल संरक्षण की जागरूकता कम है और लोग अभी भी जल का ढीला-ढाला उपयोग करते हैं। पाँच, नीति स्तर पर दीर्घकालिक योजना का अभाव है, जिससे तत्काल उपायों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। छह, विभिन्न प्रशासनिक एजेंसियों के बीच सहयोग की कमी संकल्प को धीमा कर देती है। सात, जल पुनर्चक्रण और वर्षा जल संचयन के संभावित प्रोजेक्ट्स अभी तक लागू नहीं हुए हैं। आठ, जल कीमत का उचित प्रबंधन नहीं हो रहा है जिससे बँचा-खर्च का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। नौ, जल संरक्षण के लिए सरकारी प्रोत्साहन की कमी है, जिससे निजी निवेश नहीं हो पा रहा है। दस, जनसंख्या की तेज़ी से बढ़ती संख्या जल की मांग को अत्यधिक बढ़ा देती है। ग्यारह, जल स्रोतों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त निगरानी नहीं है। बारह, जल योजना में तकनीकी नवाचार को अपनाने में धीमी गति है। तेरह, जल नीति में पारदर्शिता की कमी है, जिससे जनता का विश्वास घटता है। चौदह, जल संकट का राजनीतिक उपयोग अक्सर किया जाता है जिससे समाधान पर ध्यान नहीं दिया जाता। पंद्रह, सुप्रीम कोर्ट के पास जाने से कानूनी प्रावधानों के कार्यान्वयन में सहायता मिल सकती है, पर वास्तविक कार्यवाही में देरी नहीं होनी चाहिए।

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    Sri Prasanna

    जून 18, 2024 AT 06:19

    अगर हरियाणा पानी नहीं देगा तो दिल्ली के लोग खुद ही समाधान ढूँढेंगे लेकिन इसमें सरकार की जिम्मेदारी को नहीं भुलाया जा सकता क्योंकि बड़ी दिक्कतें अक्सर वही बनती हैं जो ऊपर से छूट जाती हैं

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    Sumitra Nair

    जून 25, 2024 AT 23:27

    सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना आज़ादी का प्रतीक है😊। तथापि, इस कदम से न केवल न्याय की आशा जगती है बल्कि यह भी स्पष्ट होता है कि लोकतांत्रिक संस्थान कितने सक्षम हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है, जहाँ प्रशासनिक अड़चनें जनता के मूलभूत अधिकारों को प्रभावित करती हैं। इस संघर्ष में हमें तर्कसंगत एवं शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ना चाहिए।

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    Ashish Pundir

    जुलाई 3, 2024 AT 16:36

    जल संकट का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए।

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    gaurav rawat

    जुलाई 11, 2024 AT 09:45

    भइया, हम सब मिलके पानी बचाएंगे💪। छोटे‑छोटे उपाय से बड़ी बदलावा आ सकता है, जैसे नल के टपके न रोकना, बारिश का पानी इकट्ठा करना। चलो, एक-दूसरे को सपोर्ट करें और इस मिशन में शामिल हों! 😃

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    Vakiya dinesh Bharvad

    जुलाई 19, 2024 AT 02:53

    इँडीयां में जल संस्कृति बहुत समृद्ध है🙂। पर अब समय है कि हम इस विरासत को आधुनिक तकनीक से जोड़ें, जैसे रेनवाटर हार्वेस्टिंग और जल पुनर्चक्रण। यह कदम न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय लाभ भी देगा।

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    Aryan Chouhan

    जुलाई 26, 2024 AT 20:02

    यार यह जल समस्या का सॉल्यूशन तो बहुत सादा है- लोग वॉटर को बर्बाद नहीं करे। बस बहुते जादा टैन्कर चलाते रहो तो फंक्शनल होती। ठीक थै।

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    Tsering Bhutia

    अगस्त 3, 2024 AT 13:10

    जल संरक्षण के लिए कुछ व्यावहारिक कदमों की जरूरत है। पहला, घर-घर में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली स्थापित करें। दूसरा, जल पुनर्चक्रण प्लांट्स का विस्तार करें। तीसरा, सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम चलाएँ ताकि लोग पानी का समझदारी से उपयोग करें। इन उपायों से दीर्घकालिक समाधान संभव है।

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    Narayan TT

    अगस्त 11, 2024 AT 06:19

    जलप्रश्न पर सतही विचार बोरिंग है; गहरी समझ चाहिए।

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    SONALI RAGHBOTRA

    अगस्त 18, 2024 AT 23:27

    दिल्ली की जल समस्या का समाधान सामूहिक प्रयास से ही संभव है। नागरिकों को जल बचत के टिप्स अपनाने चाहिए, जैसे टपकते नलों को बंद करना और शॉवर टाइम कम करना। साथ ही, सरकार को जल पुनर्चक्रण और सौर ऊर्जा‑संचालित पंपिंग स्टेशन स्थापित करने चाहिए। इस तरह हम भविष्य में जल संकट को रोक सकते हैं।

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    sourabh kumar

    अगस्त 26, 2024 AT 16:36

    दोस्तों, चलो मिलकर जल संरक्षण की पहल को सुपरहिट बनाएं! छोटे‑छोटे कदम जैसे कपड़े धोते समय बाल्टी का इस्तेमाल, या बगीचे में ड्रिप इरिगेशन लगाना, बड़ा फर्क लाएगा। साथ ही, हमें अपने पड़ोसियों को भी इस संदेश को फैलाना चाहिए। हम सब मिलकर एक ठोस बदलाव ला सकते हैं।

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    khajan singh

    सितंबर 3, 2024 AT 09:45

    हाइड्रो-डायनेमिक्स और जल-व्यवस्थापन के बहु-स्तरीय इंटेग्रेशन से ही जल आपूर्ति के संतुलन को बनाए रखा जा सकता है। इस संदर्भ में, हाइड्रो-इकोसिस्टम मॉडल्स को अपनाना आवश्यक है।

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    Dharmendra Pal

    सितंबर 11, 2024 AT 02:53

    जल संकट का समाधान तात्कालिक उपायों और दीर्घकालिक नीतियों के संगम से सम्भव है। सरकार को त्वरित जल आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और साथ ही जल संरक्षण पर कठोर नियम बनाने चाहिए।

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    Rajshree Bhalekar

    सितंबर 18, 2024 AT 20:02

    पानी नहीं, तो दिल भी सूखा।

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