चक्रवात फेन्गल का प्रकोप और उसके प्रमुख प्रभाव
भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात फेन्गल जल्द ही पुडुचेरी के निकट तट पर भारी वर्षा और तेज हवाओं के साथ टकराने वाला है। इसके चलते तमिलनाडु और पुडुचेरी के बहुत से हिस्सों में जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। 30 नवंबर शाम 5:30 बजे से शुरू होकर चार घंटों तक चलने वाले इस चक्रवात की गति 70-80 किमी/घंटा है, तथा गरज के साथ इसकी गति 90 किमी/घंटा तक पहुंँच रही है। ऐसा माना जा रहा है कि यह चक्रवात तमिलनाडु और पुडुचेरी के उत्तरी तटों को पार करेगा।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में सतर्कता और सुरक्षा प्रबंध
चक्रवात के आगमन से पहले से ही तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी वर्षा के कारण जलभराव उत्पन्न हो गया है। चेन्नई में कुल 134 स्थानों पर पानी भर गया है, जिससे सात प्रमुख सबवे का बंद कर दिया गया है। चेन्नई हवाई अड्डे में तेज हवाओं के कारण सुरक्षा कारणवश दोपहर 12 से 7 बजे तक हवाई संचालन निलंबित कर दिया गया। समुद्र तट के पास सड़क यातायात भी अधर में लटक गया है क्यूंकि दी गई स्थायी मार्गों पर परिवहन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
चक्रवात के सावधानी संबंधी उपाय और प्रशासनिक कदम
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने स्थिति का गहन निरीक्षण किया और आश्वासन दिया कि सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा चुके हैं। चक्रवात से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों का निर्माण किया गया है और अति संवेदनशील क्षेत्रों में भोजन वितरण का भी प्रबंध किया गया है। शिक्षा संस्थानों को 30 नवंबर को बंद रखा गया है और आईटी कंपनियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा प्रदान करें।
अन्य क्षेत्रों में संभावित स्थिति
देश के विभिन्न क्षेत्रों में भी चक्रवात के असर से भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है। जैसे कि आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों जैसे SPSR-नेल्लोर, तिरुपति और चित्तूर में अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। IMD ने दक्षिणी तटीय क्षेत्रों और आंध्र प्रदेश के रेयाल्सीमा इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान प्रस्तुत किया है।
आपदा प्रबंधन और आगे की चुनौतियाँ
इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। चक्रवात का तात्कालिक प्रकोप किसी भी आकस्मिक स्थिति को निमंत्रण दे सकता है, जिसे देखते हुए सभी सुरक्षात्मक उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। समग्र रूप में, यह स्थिति किसी चुनौती से कम नहीं है, जिसे प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर परास्त करने की कोशिश कर रहे हैं।