IPL 2025: पर्पल और ऑरेंज कैप की रेस में सुपर ओवर ने बदला समीकरण

Ranjit Sapre अप्रैल 21, 2025 खेल 5 टिप्पणि
IPL 2025: पर्पल और ऑरेंज कैप की रेस में सुपर ओवर ने बदला समीकरण

आईपीएल 2025: पर्पल कैप की तगड़ी टक्कर

आईपीएल 2025 का ताजगी भरा सीजन हर दिन नए सितारों को चमकने का मौका दे रहा है। आईपीएल 2025 के पर्पल कैप की दौड़ में अब असली भुचाल आ गया है। गुजरात टाइटंस के तेज गेंदबाज प्रसिध कृष्णा इस समय 7 मैचों में 14 विकेट लेकर टॉप पर हैं। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उन्होंने 4/41 का शानदार स्पेल डाला, जिसने न सिर्फ उनकी पोजिशन मजबूत की, बल्कि पर्पल कैप की रेस को और रोमांचक बना दिया। उनका स्ट्राइक रेट 11.57 तो एवरेज 14.35 है, जो बताता है कि वो नई और पुरानी दोनों गेंदों से असरदार हैं।

दिल्ली के कुलदीप यादव भी पीछा छोड़ने वालों में नहीं हैं। उनके नाम 12 विकेट हैं, और उनका इकॉनमी रेट 6.25 है, जो इस सीजन के टॉप बॉलर्स में सबसे सधा हुआ है। चेन्नई सुपर किंग्स के नूर अहमद, जो शुरुआत में सबसे आगे थे, अब तीसरे नंबर पर खिसक गए हैं। उनके भी 7 मैच में 12 विकेट हैं, लेकिन पिछले दिनों उन्हें बड़े विकेट नहीं मिल पाए।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के जोश हेजलवुड भी 8 मैचों में 12 विकेट के साथ बाज़ी में हैं। राजस्थान रॉयल्स के युजवेंद्र चहल ने तो 8 मैचों में 21 विकेट लेकर सभी को चौंका दिया है और कईयों की पकड़ ढीली कर दी है। इनके अलावा चेन्नई के रविंद्र जडेजा (20 विकेट) और केकेआर के वरुण चक्रवर्ती (20 विकेट) भी बराबरी की टक्कर दे रहे हैं।

ऑरेंज कैप: बल्लेबाजी में निकोलस पूरन की बादशाही

ऑरेंज कैप: बल्लेबाजी में निकोलस पूरन की बादशाही

अगर बात करें सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की — यानी ऑरेंज कैप की — तो लखनऊ सुपर जायंट्स के निकोलस पूरन इस वक्त बादशाह बने हुए हैं। उनके नाम 8 मैच में 368 रन हैं, और उनका स्ट्राइक रेट 205.58 है। ये नंबर बताने के लिए काफी हैं कि पूरन हर मैच में विरोधी गेंदबाज़ों पर आफत बनकर टूट रहे हैं।

लेकिन कड़ी टक्कर देने के लिए मुंबई इंडियंस के सुर्यकुमार यादव की भी चर्चा जरूरी है। उन्होंने अभी हाल ही में 30 गेंदों पर नाबाद 68 बना डाले और अब 333 रन के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। उनका एवरेज 55.50 और स्ट्राइक रेट 162.43 है, जो उन्हें बाकी बल्लेबाजों से खास बनाती है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विराट कोहली लगातार रन बना रहे हैं और 8 मैचों में 322 रन के साथ चार्ट में चौथे स्थान पर है। उनका एवरेज 64.40 देखकर कहीं से भी लगता नहीं कि वह रुकेंगे।

  • लखनऊ के पूरन – 368 रन, स्ट्राइक रेट 205+
  • मुंबई के सुर्यकुमार – 333 रन, स्ट्राइक रेट 162+
  • बेंगलुरु के कोहली – 322 रन, एवरेज 64+

जडेजा और वरुण जैसे ऑलराउंडर की उपस्थिति से भी लीग और ज्यादा टफ हो गई है। टीमों की प्लेऑफ की उम्मीदें इन्हीं प्रदर्शन पर बनती-बिगड़ती दिख रही हैं। तेज क्रिकेट में हर मैच के बाद कैप्स का समीकरण बदल रहा है, जिससे फैंस की उत्सुकता और बढ़ गई है।

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5 टिप्पणि

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    Ayush Sinha

    अप्रैल 21, 2025 AT 21:16

    सुपर ओवर ने पर्पल और ऑरेंज कैप की रेस को बिलकुल बदल दिया, ऐसा कहा तो बहुत ही उछाल है। असली खेल तो गेंदबाज़ों की निरंतरता और बैटरों की स्थिरता में है, न कि एक ही ओवर में। गुजरात टाइटन्स के कृष्णा की फ़ॉर्म तो अच्छी है, लेकिन एक दो ओवर से सीजन का समग्र समीकरण नहीं बदलता। इसी तरह पूरन का स्ट्राइक रेट देख कर सबको लगा कि वह अनंत शक्ति है, पर वह भी लगातार पिच पर निर्भर करता है। क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन ही असली जीत की कुंजी है, न कि एक या दो शानदार पलों पर फोकस करना।

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    Saravanan S

    अप्रैल 22, 2025 AT 08:33

    बिलकुल सही कहा, लेकिन याद रखो, हर खिलाड़ी की मेहनत तो एक साथ मिल कर ही टीम को आगे ले जाती है, इसलिए सिर्फ एक ओवर या एक हाई स्ट्राइक रेट पर ज़्यादा फोकस नहीं करना चाहिए, बल्कि निरंतर अभ्यास, सही प्लानिंग, और मैच के हर मोमेंट पर पूरी इन्साइट के साथ खेलने की ज़रूरत है, यही असली जीत की ओर ले जाता है, नहीं?!

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    Alefiya Wadiwala

    अप्रैल 23, 2025 AT 12:20

    आधुनिक आईपीएल के इस चरण में आँकड़े सिर्फ एक सतह पर चमकते हुए आंकड़े नहीं होते, वे गहरे विश्लेषण के बिना कुछ भी नहीं कह पाते; सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि पूरन का 205+ स्ट्राइक रेट सिर्फ छोटे फॉर्मेट की उपज है, जबकि कोहली का औसत 64+ दर्शाता है कि वह निरंतरता के साथ बड़े स्कोर बना रहा है, यह द्विपक्षीय विश्लेषण हमें यह भी बताता है कि किस टीम के बैटिंग कोन्वर्ज़न में अधिक दक्षता है; दूसरा, कृष्णा का स्ट्राइक रेट 11.57 और औसत 14.35 दर्शाता है कि वह न केवल विकेट ले रहा है बल्कि इंटरवल के बाद भी बॉल्स को कंट्रोल कर रहा है, जो अक्सर नजरअंदाज हो जाता है; तीसरा, युजवेंद्र चहल का 21 विकेट 8 मैच में एक बेमिसाल उपलब्धि है, परन्तु यह केवल वैट-लाइन पर निर्भर नहीं करता, बल्कि पिच की उपज, बॅट्समैन की तकनीकी क्षमता और लीडरशिप की रणनीति पर भी निर्भर करता है; चौथा, किराए की टीमों के प्लेऑफ़ संभावनाओं को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि टॉप बॉलर्स का संतुलित उपयोग ही टीम को सटीक दिशा में ले जा सकता है, क्योंकि बॉलर्स का इकोनॉमी रेट 6.25 जैसे आँकड़े सिर्फ एक स्तर नहीं, बल्कि बॉलर्स के कंट्रोल और बजट को दर्शाते हैं; पाँचवाँ, यह भी उल्लेखनीय है कि ऑरेंज कैप प्रतियोगिता में लखनऊ सुपर जाइंट्स का पूरन, मुंबई इंडियंस का सुर्यकुमार और बेंगलुरु के कोहली के बीच का अंतर केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं, बल्कि टीम स्ट्रेटेजी, फ़ील्ड प्लेसमेंट और मैनेजमेंट की निरंतरता को भी दर्शाता है, इसलिए केवल एक या दो आँकड़े को हाईलाइट करके पूरी लीग का समीकरण बदलना एक सरलीकरण है; अंत में, हमारे पास यह तथ्य है कि आईपीएल एक गतिशील मंच है, जहाँ प्रत्येक मैच में छोटे-छोटे बदलाव बड़े रुझान बदल सकते हैं, परंतु यह बदलाव केवल सुपर ओवर या व्यक्तिगत हाई स्ट्राइक रेट द्वारा नहीं, बल्कि पूरे सीज़न के सामूहिक परफ़ॉर्मेंस से ही प्रकट होते हैं।

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    Paurush Singh

    अप्रैल 24, 2025 AT 16:06

    क्रिकेट सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि उसके पीछे का तत्त्व है-खेल का जज्बा, मैदान की ऊर्जा, और टीम की सामूहिक आत्मा। पर्पल और ऑरेंज कैप की टक्कर को देखते हुए, हमें यह सोचना चाहिए कि कौन सी अंतर्निहित रणनीति इन आँकड़ों को समर्थन देती है। केवल एक सुपर ओवर से नहीं, बल्कि लगातार दबाव बनाए रखने से ही बड़े परिणाम मिलते हैं। इस दृष्टि से, टीम की लीडरशिप को निरंतर मानक स्थापित करने चाहिए, न कि एक-एक मौके पर झाँकना चाहिए। यही असली खेल की समझ है।

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    Sandeep Sharma

    अप्रैल 25, 2025 AT 19:53

    बिलकुल मस्त! 😎

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