क्रिकेट के नए सितारे: वैभव सुर्यवंशी की शुरुआत
क्रिकेट के मैदान पर नई प्रतिभाएं अकसर ध्यान खींचती हैं और 13 वर्षीय वैभव सुर्यवंशी उन्हीं युवा खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने हाल ही में IPL 2025 की नीलामी में इतिहास रचा जब वे राजस्थान रॉयल्स के लिए ₹1.10 करोड़ में बिके। इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है। लेकिन, हाल ही में संपन्न हुए U19 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी प्रदर्शन ने क्रिकेट के प्रशंसकों को थोड़ा निराश किया। वैभव के लिए यह एक ऐसा मौका था जिसमें उन्होंने खुद को साबित करने का अवसर पाया।
U19 एशिया कप में वैभव का प्रदर्शन
आज आईपीएल और अन्य घरेलू टूर्नामेंट्स ने युवा खिलाड़ियों के लिए एक नया आयाम खोला है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन करना हमेशा एक चुनौती भरा कार्य होता है। पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच में, वैभव केवल 9 गेंदों का सामना कर 1 रन बना पाए। अली रज़ा जैसे तेज गेंदबाज़ के सामने उनके संघर्ष ने यह साबित कर दिया कि यहां कामयाबी पाना इतना भी आसान नहीं है। उनकी बर्खास्तगी के बाद भारतीय टीम की पारी का पतन होता चला गया, जिससे टीम को 43 रनों की हार का सामना करना पड़ा।
टीम के अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन
वैभव ही नहीं, भारतीय U-19 टीम के अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी इस मैच में काफी स्वीकार्य नहीं था। आयुष म्हात्रे और C आंद्रे सिद्धार्थ जैसे अन्य IPL भर्ती खिलाड़ी भी इस मैच में ज्यादा योगदान नहीं दे सके। म्हात्रे ने अपने छोटे से पारी में 20 रन बनाए, जिसमें पांच शानदार चौके शामिल थे, लेकिन उनका प्रारंभिक आउट होना टीम के लिए संजीवनी साबित नहीं हुआ। पूरी टीम 47.1 ओवरों में मात्र 238 रनों पर सिमट गई।
पाकिस्तान की मजबूत बल्लेबाज़ी
Oppositions की शानदार बल्लेबाज़ी ने भारतीय गेंदबाज़ों को कटघरे में खड़ा कर दिया। शहजैब खान की तूफानी पारी ने पाकिस्तान के लिए मजबूत नींव रखी। उन्होंने 10 छक्कों की बारिश कर दी और 159 रन बनाए, जोकि असाधारण था। भारतीय गेंदबाज़ इस पारी के सामने बेबस नज़र आए। उन्होंने 282 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य भारतीय क्रिकेटरों के सामने रखा।
वैभव के लिए आगे की राह
वैभव सुर्यवंशी के लिए क्रिकेट का सफर यहां से शुरू हो रहा है। यह मैच केवल उनकी यात्रा का आरंभिक दौर है, जिससे उन्हें सीखने को मिलेगा। हालांकि यह मैच उनके टीकाकारियों और प्रशंसकों दोनों के लिए निराशाजनक रहा, लेकिन यह उनका भविष्य नहीं तय करता। इस उम्र में उन्होंने जिस लक्ष्यों को हासिल किया है, वह काबिल-ए-गौर है और उनके पास कई मौके होंगे अपने आप को साबित करने के। उन्हें अपने कौशल और समर्पण पर काम करना होगा, ताकि अगले मैचों में अधिक सशक्त प्रदर्शन कर सकें।