अगले पांच दिन, मौसम का मिजाज बिगड़ेगा
अगर दिल्ली या उत्तर भारत में आप रहते हैं तो छाता साथ रखना ही समझदारी होगी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 30 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक भारी बारिश का पांच दिन का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के लोगों को है। यही नहीं, जिन इलाकों में पहले से ज़्यादा बारिश हो चुकी है, वहां खतरे की घंटी और तेज़ हो गई है। IMD के मुताबिक, मौसम में सक्रिय लॉ प्रेशर ज़ोन और चक्रवातनुमा सिस्टम्स से तेज़ बारिश की संभावना बढ़ी है।
पहाड़ों की बात करें तो उत्तराखंड और हिमाचल में हर साल बारिश के मौसम में भूस्खलन और क्लाउडबर्स्ट का खतरा रहता है। इस बार अगले कुछ दिनों में हिमालय क्षेत्र में 7 से 11 सेंटीमीटर बारिश 24 घंटे में हो सकती है, जिससे जगह-जगह सड़कें बंद और यातायात ठप हो सकता है। किसी को भी बेवजह पहाड़ी इलाकों की ओर जाने से अभी बचना चाहिए।
- दिल्ली-एनसीआर और यूपी में शुरू में हल्की से मध्यम बारिश होगी, अगस्त के पहले हफ्ते में यह अचानक तेज़ हो सकती है।
- मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के कई जिलों में भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है, जिससे खेतों में पानी भरने और फसलों को नुकसान की आशंका है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में झरनों और नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, भूस्खलन के चलते रास्ते बंद हो सकते हैं।
- दक्षिण भारत और समुद्र किनारे के राज्यों में बारिश थोड़ी धीमी पड़ सकती है, लेकिन छिटपुट तेज बौछारें जारी रहेंगी।
शहरों की हालत भी खराब होनी तय है। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर जैसे बड़े शहरों के लो-लाइंग इलाकों में पानी भर सकता है। सड़कें जलमग्न होने से ट्रैफिक रुक जाएगा और ऑफिस से घर पहुंचने में घंटों लग सकते हैं। IMD ने मकान मालिकों, दुकानदारों और गाड़ी चालकों को सचेत किया है कि वो अपनी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लें।
सावधानी और तैयारियों की दरकार
सरकारी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। आपदा राहत दल एक्टिव हैं और हेल्पलाइन नंबर जगह-जगह चस्पा किए जा रहे हैं। IMD का फोकस इस बार सबसे ज्यादा नदी किनारे बसे गांव, पहाड़ी कस्बों और मछुआरों की सुरक्षा पर है।
- सभी नागरिकों से अपील की गई है कि ताजा मौसम अपडेट पर नजर रखें और अफवाहों से बचें।
- अगर आपपहाड़ी या बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हैं, तो स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- नदी किनारे रहने वाले तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।
- कृषि इलाके वाले किसान अपनी फसल की सुरक्षा के लिए पहले से उपाय करें, फसलों में जलभराव रोकना जरूरी है।
बारिश का ये हाल सिर्फ छुट्टी के प्लान बदलने का मामला नहीं है, बल्कि बाढ़-भूस्खलन, फसलों और शहरों तक में खासा असर लाएगा। जो लोग सोच रहे हैं कि मॉनसून तो हमेशा आता है, उन्हें इस बार थोड़ी ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।