उत्तर भारत में फिर से मॉनसून का कहर, यूपी में सबसे ज्यादा खतरा
उत्तर प्रदेश में अगले 48 घंटे बेहद भारी बारिश का मौसम अलर्ट जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में इस बारिश से शहरी क्षेत्रों में बाढ़, जलभराव और सड़कों पर जाम जैसी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। उधर, ग्रामीण इलाकों में किसान चिंतित हैं, क्योंकि लगातार पानी गिरने से फसलें खराब होने का डर है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि फसलों की सुरक्षा के उपाय कर लें, ताकि नुकसान को रोका जा सके।
हवा का मिजाज इतना बदला है कि सड़कों पर जुटने से बचने की सलाह दी जा रही है। खासकर संवेदनशील इलाकों में जहां बीते साल भी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ था।

दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब की ताज़ा स्थिति
दिल्ली में 13 अगस्त को हल्का मौसम रहा, तापमान 29.5 डिग्री से 34 डिग्री के बीच रहा। आसमान में हल्के बादल थे और बारिश न के बराबर रही। लेकिन 14 अगस्त से तस्वीर बदलने वाली है। दिल्ली और एनसीआर में भारी बारिश शुरू होने की संभावना है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो सकती है। राजधानी में न्यूनतम तापमान 29.5 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। अगस्त में इन इलाकों में आमतौर पर 8 से 15 दिन बारिश होती है लेकिन इस बार एक साथ कई सिस्टम एक्टिव होने के कारण लगातार तेज बारिश की संभावना ज्यादा है। तापमान 29 डिग्री से 36 डिग्री के बीच बना रहेगा, जिससे उमस और गर्मी दोनों का अहसास बना रहेगा। साथ ही, सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक बाधित होना तय है।
उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्सों में बारिश का असर और भी खतरनाक हो सकता है। यहां भूस्खलन का अलर्ट जारी किया गया है। बीते सालों में बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कें बंद हो गई थी और गांव के गांव मुख्य संपर्क मार्गों से कट गए थे। इस बार भी मौसम विभाग ने प्रशासन को अलर्ट रहने और राहत के साधनों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग की मानें तो यह सब अगस्त के आम मॉनसून ट्रेंड के मुताबिक है। इस महीने उत्तर भारत में औसतन 257 मिमी बारिश होती है और उमस चरम पर रहती है। अंतरराष्ट्रीय मौसम संस्थानों, जैसे यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया और डच मौसम विभाग, ने भी भारत के मौजूदा मॉनसून पैटर्न की पुष्टि की है। खास बात ये है कि अगले कुछ दिन घर से बाहर निकलने की योजना बनाने वालों के लिए मुश्किल साबित हो सकते हैं। स्कूल-कॉलेज से लेकर आवश्यक सेवाओं तक पर असर रहेगा। जरूरी है कि सभी लोग मौसम अपडेट पर नजर रखते हुए सुरक्षित रहें।