क्लेम प्रोसेस सुनने में तो मुश्किल लग सकता है, पर असल में यह एक क्रमबद्ध योजना है। चाहे बीमा का दाव हो, बैंक में लोन क्लेम हो या कोई सरकारी वजायपत्र, कई बार हम फॉर्म, दस्तावेज़, डिजिटली साइन आदि में अटक जाते हैं। इस लेख में हम बिंदु-बिंदु समझेंगे कि क्लेम कैसे शुरू करें, कौन‑कौन से दस्तावेज़ चाहिए और प्रक्रिया को तेज़ कैसे बनाएं। पढ़ते‑जाते आप इस जाल में फँसेंगे नहीं, बल्कि एक क्लेम‑विशेषज्ञ बनेंगे।
1. पॉलिसी या समझौते की शर्तें देखें – सबसे पहले अपनी बीमा पॉलिसी या लोन समझौते में क्लेम कब और कैसे हो सकता है, ये पढ़ें। अक्सर ‘क्लेम का समय‑सीमा’ या ‘दावा कब स्वीकार्य नहीं’ लिखा होता है। 2. सभी जरूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करें – पहचान पत्र, पॉलिसी नंबर, मेडिकल रिपोर्ट (अगर स्वास्थ्य क्लेम है), दुर्घटना फोटो, रसीदें आदि। दस्तावेज़ों का क्रमबद्ध फ़ोल्डर बनाकर रखिए, इससे फॉर्म भरते समय समय बचेगा। 3. ऑनलाइन पोर्टल या ऐप खोलें – आजकल ज्यादातर कंपनियां मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर क्लेम फ़ॉर्म देती हैं। अगर ऑफ़लाइन फॉर्म है तो उसे साफ़-सफ़ाई से लिखें, दाग‑धब्बे से बचें। 4. फ़ॉर्म में सही जानकारी भरें – नाम, पता, पॉलिसी नंबर, घटना की तिथि‑समय, विवरण – हर फ़ील्ड को ध्यान से पढ़ें। छोटे‑छोटे टाइपो बाद में क्लेम रद्द कर सकते हैं। 5. सभी दस्तावेज़ स्कैन/फ़ोटो करके अपलोड करें – स्कैन किए हुए PDF या हाई‑क्वालिटी JPEG फाइलें सबसे बेहतर रहती हैं। फ़ाइल साइज का ध्यान रखें, बहुत बड़ी फ़ाइल अपलोड नहीं होती। 6. समर्थन पत्र या कवर लेटर जोड़ें – संक्षिप्त में लिखिए कि आप क्या चाहते हैं, कितनी राशि चाहिए और क्यों। यह रिसीवर को आपका मामला जल्दी समझाता है। 7. सबमिशन के बाद रेफरेंस नंबर नोट करें – आगे की फॉलो‑अप के लिए यह नंबर सबसे काम आता है।
इन सात स्टेप्स को फॉलो करके आप क्लेम फॉर्म बिना रुकावट के भर सकते हैं।
क्लेम करते समय लोग दो‑तीन आम गलतीयां करते हैं, जिससे ज़रूरी भुगतान में देरी या पूरा क्लेम रद्द हो सकता है। सबसे बड़ी गलती है दस्तावेज़ों की अधूरी या पुरानी कॉपी अपलोड करना. मेडिकल रिपोर्ट या पुलिस रिपोर्ट अगर पुराने हों तो क्लेम रजिस्ट्री कहेगी कि ये पुराना है। दूसरा मुद्दा है समय सीमा का उल्लंघन। बीमा में अक्सर 30 या 60 दिन की क्लेम डेडलाइन होती है। यदि आप इस समय सीमा को मिस कर देते हैं तो आपका क्लेम रिफ्यूज़ हो सकता है। तीसरा, नियमों के अनुसार फॉर्म नहीं भरना. कुछ कंपनियां ‘ऑटो‑फिल’ में भी गड़बड़ी करती हैं, इसलिए हर फ़ील्ड को खुद चैक करें। अंत में, फॉलो‑अप न करना. क्लेम सबमिट करने के बाद कंपनी से कॉल या ई‑मेल के माध्यम से अपडेट लेनी चाहिए। अगर दो‑तीन हफ़्ते तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो तुरंत संपर्क करें।
इन बातों को याद रखकर आप क्लेम प्रोसेस को स्लीक और तेज़ बना सकते हैं।
क्लेम प्रोसेस का हर कदम छोटा लगता है, पर जब आप इसे व्यवस्थित रूप से करते हैं तो तनाव कम होता है और भुगतान जल्दी मिल जाता है। अगर अभी आपके पास क्लेम का कोई केस है, तो आज़ ही इन स्टेप्स को अपनाएँ और देखते हैं कैसे आपका दावा बिना झंझट के मंज़ूर हो जाता है।
सितंबर 18, 2025
नगालैंड स्टेट लॉटरी के शुक्रवार, 14 मार्च 2025 के तीन ड्रॉ 1PM, 6PM और 8PM तय हैं। 8PM पर Dear Seagull Friday साप्ताहिक ड्रॉ सबसे चर्चित रहता है। रिज़ल्ट कोहिमा से लाइव घोषित होते हैं और ऑनलाइन भी तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं। कुछ स्कीमों में पहला इनाम 1 करोड़ रुपये तक होता है। विजेताओं को पहचान पत्र और मूल टिकट के साथ तय प्रक्रिया के जरिए इनाम क्लेम करना होता है।
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