अगर आप आकाश में घटित इस दुर्लभ घटना को मिस नहीं करना चाहते तो सही जानकारी रखनी चाहिए। 2025 में दो प्रमुख सूर्य ग्रहण होंगे – एक पूर्ण ग्रहण (अगस्त में) और दूसरा पूर्णवृतीय (अक्टूबर में)। भारत में सबसे तेज़ दृश्यता अक्टूबर के पूरे महीने में होगी, इसलिए अभी से योजना बनाना फायदेमंद रहेगा।
अक्टूबर 14, 2025 को पूरा सूर्य ग्रहण होगा। यह मुख्य रूप से एशिया के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में दिखेगा – जैसे नेपाल, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य (असम, उत्तराखंड, सिक्किम), बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्से। भारत में सूर्य के 70‑80% भाग अँधेरे में बदलेंगे, इसलिए यह एक अनोखा ‘अंशीय ग्रहण’ माना जाता है।
अगस्त 12, 2025 को एक हाइब्रिड ग्रहण होगा – जहाँ कुछ जगहों पर सूर्य पूरी तरह ढँकेगा, वहीं कुछ जगहों पर केवल रिंग (वृत्ताकार) दिखेगा। यह ग्रहण मुख्यतः अंटार्कटिका, दक्षिणी अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखेगा, इसलिए भारत में इसका प्रभाव बहुत कम रहेगा।
ग्रहण का अधिकतम अंधेरा (मैक्सिमम) आमतौर पर स्थान के अनुसार 2‑3 मिनट तक रहता है। अगर आप घनी आबादी वाले शहर में रहते हैं तो शाम के समय निकलकर ग्रामीण या पहाड़ी इलाकों में जाना बेहतर रहेगा, जहाँ धुंध कम होगी और आकाश साफ़ रहेगा।
सूर्य को सीधे देखना आँखों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए बिना सुरक्षा के कभी भी ग्रहण को न देखें। सबसे सुरक्षित तरीका है इन्फ्रारेड‑फ़िल्टर वाले सौर देखे‑जाने वाले चश्मे का उपयोग करना। अगर आपके पास ऐसा नहीं है तो एक साधारण कच्चे मीठे काँच (सोलर फ़िल्टर) या विशेष सोलर फ़िल्म से बना फ़िल्टर काम करेगा।
फ़ोटो खींचते समय भी कैमरा को सोलर फ़िल्टर से कवर करें। मोबाइल कैमरे से लेना आसान है, पर ध्यान रखें कि स्क्रीन पर सीधे सूर्य नहीं दिखना चाहिए। टाइल्ड फोकस, कम ISO और तेज़ शटर स्पीड (1/2000 सेकंड) सबसे अच्छे परिणाम देंगे।
अगर आप टेलिस्कोप या बाइनोक्युलर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो दोनों को सोलर फ़िल्टर से सजा कर ही देखें। बिना फ़िल्टर के लेंस या ऑप्टिकल डिवाइस पर सूर्य का तेज़ प्रकाश लेंस को नुकसान पहुँचा सकता है और आँखों में जलन पैदा कर सकता है।
ग्रहण देखना सिर्फ एक दृश्य आनंद नहीं, बल्कि विज्ञान सीखने का भी मौका है। आप इस दौरान सूर्य की वायुमंडलीय परतें (कोरोना) को देख सकते हैं, जो सामान्य दिन में अस्पष्ट रहती है। अगर आप बच्चों को साथ ले जा रहे हैं तो उन्हें सरल शब्दों में सूर्य के चारों ओर की छाया की कहानी बताएँ – कैसे चंद्रमा सूर्य को ढँकता है और क्यों अंधेरा अचानक नहीं, बल्कि धीरे‑धीरे घटता‑बढ़ता है।
अंत में, अगर आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ देखते हैं, तो थोड़ी योजना बनाना न भूलें – सुरक्षित स्थान, उचित फ़िल्टर, फ़ोटो उपकरण और कुछ स्नैक्स। इससे न सिर्फ आपका अनुभव बेहतर होगा, बल्कि आप इस दुर्लभ खगोलीय घटना को सुरक्षित और यादगार बना पाएँगे।
सितंबर 21, 2025
21 सितंबर 2025 को होने वाला आंशिक सौर ग्रहण 4 घंटे से अधिक चलेगा, लेकिन भारत में यह रात के समय होने के कारण दिखेगा नहीं। विश्व के कई हिस्सों में 85% तक छाया पड़ेगी, जबकि न्यूज़ीलैंड और अंटार्कटिका पर अधिकतम अँधेरा देखेंगे। आँखों की सुरक्षा के लिए विशेष चश्मे आवश्यक हैं, साधारण धूप के चश्मे काम नहीं आएँगे। भारत और अन्य देख न‑सकने वाले क्षेत्रों के लिए ऑनलाइन लाइवस्ट्रीम एक विकल्प बन गया है। यह वर्ष का अंतिम सौर ग्रहण है, जो शरद विषुव के एक दिन पहले आएगा।
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