ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही बिना एक गेंद बल्लेबाजी किए, यशस्वी जायसवाल ने अपनी टीम के लिए एक ऐसा फैसला किया जिसने सबको हैरान कर दिया। भारतीय वनडे टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रहने के बाद, जहां उन्हें कोई मौका नहीं मिला, उन्होंने यशस्वी जायसवाल ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को सीधे सूचित किया कि वे रणजी ट्रॉफी 2025-26जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में राजस्थान के खिलाफ खेलने के लिए उपलब्ध हैं। यह फैसला सिर्फ देशभक्ति का नहीं, बल्कि अपने करियर की राह पर एक जानबूझकर किया गया कदम था।
बिना मैच खेले, फिर भी वापसी का इरादा
यशस्वी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों में एक भी गेंद नहीं मारी। शुभमन गिल के चोटिल होने के बाद नौ महीने बाद उन्हें मौका मिला, लेकिन 16 गेंदों में 18 रन बनाकर आउट हो गए। सोशल मीडिया पर नाराजगी की लहर आई, लेकिन यशस्वी ने चुपचाप अपना रास्ता चुना। वो नहीं चाहते थे कि उनकी बाहरी निष्फलता उनकी आंतरिक लगन को छिपा दे। उन्होंने अपने लिए एक अलग बात तय कर ली — बल्लेबाजी की जिम्मेदारी अपने घरेलू टूर्नामेंट में फिर से साबित करनी है।
रणजी में वापसी का शानदार तरीका
1 नवंबर 2025 को जयपुर के स्टेडियम में जब यशस्वी ने बल्ला उठाया, तो वह अकेले नहीं थे। उनके साथ थी उनकी निराशा, उनकी ताकत, और एक अनजानी उम्मीद। उन्होंने 67 रन बनाए — जो केवल रन नहीं, बल्कि एक संदेश था। यह उनका पहला मैच था जब उन्होंने गोवा के लिए खेलने के बाद अपना NOC वापस ले लिया था और मुंबई के साथ वापसी का फैसला किया था। आयुष म्हात्रे दक्षिण अफ्रीका-ए के लिए बेंगलुरु चले गए, और यशस्वी ने उनकी जगह ले ली।
टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई
वनडे में उनका रिकॉर्ड फीका है — दो मैचों में सिर्फ 33 रन। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वे एक अलग खिलाड़ी हैं। यशस्वी जायसवाल ने 28 टेस्ट मैचों में 2511 रन बनाए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में उनकी 175 की पारी ने दुनिया को याद दिलाया कि वो कौन हैं। उनकी बल्लेबाजी का अंदाज धीमा, गहरा और बेहद ताकतवर है। उनकी बाहरी गतिविधियों के बावजूद, उनकी आत्मा टेस्ट क्रिकेट में रहती है।
दक्षिण अफ्रीका के लिए तैयारी का अहम मोड़
14 नवंबर 2025 से शुरू होने वाली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए यशस्वी के लिए यह रणजी मैच एक बहुत बड़ा मौका था। ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों के सामने उनकी बाहरी असफलता के बावजूद, टेस्ट में उनकी ताकत अभी भी बरकरार है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के निर्देशों के अनुसार, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय ड्यूटी पर न होने पर घरेलू टूर्नामेंट खेलना अनिवार्य है। यशस्वी ने इसे सिर्फ नियम मानकर नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में लिया।
टी20 के लिए भी बढ़ रही उम्मीदें
3 दिसंबर 2025 को घोषित होने वाली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए यशस्वी की वापसी लगभग तय मानी जा रही है। शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में, उनकी टेस्ट की तरह दृढ़ बल्लेबाजी टी20 में भी एक अलग तरह की शक्ति बन सकती है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में तीन तेज गेंदबाज उनकी टेक्निक की परीक्षा लेंगे — और शायद उन्हें नए रूप में देखने का मौका मिले।
मुंबई के लिए एक अहम जुड़ाव
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अधिकारियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। एलीट ग्रुप डी में नौ अंकों के साथ टॉप पर बने रहने के लिए यशस्वी की उपलब्धता बहुत अहम है। उनकी अनुभवी बल्लेबाजी टीम को दबाव से बाहर निकाल सकती है। पूर्व भारतीय कप्तान क्रिश्चियन श्रीकांत ने भी उन्हें शॉर्ट बॉल के खिलाफ रणनीति सुझाई थी — जो अब उनकी टेस्ट और टी20 तैयारी में अहम भूमिका निभा सकती है।
क्या यह बदलाव का संकेत है?
यशस्वी का यह फैसला सिर्फ एक मैच के लिए नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण का संकेत है। उन्होंने दिखाया कि अंतरराष्ट्रीय असफलता को बर्दाश्त करने के बजाय, अपने जड़ों से जुड़े रहना जरूरी है। उनके लिए यह एक वापसी नहीं, बल्कि एक नए शुरुआत का दौर है। वो अब सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक उदाहरण बन गए हैं — जो बताता है कि वास्तविक ताकत बाहरी प्रशंसा में नहीं, बल्कि आंतरिक लगन में होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यशस्वी जायसवाल ने रणजी ट्रॉफी में क्यों खेलने का फैसला किया?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें कोई मौका नहीं मिला, और एक मैच में बुरा प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की जांच रणजी ट्रॉफी में करने का फैसला किया। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नियमों के अनुसार, अगर खिलाड़ी राष्ट्रीय ड्यूटी पर न हो तो घरेलू टूर्नामेंट खेलना अनिवार्य है।
यशस्वी जायसवाल का टेस्ट और वनडे प्रदर्शन कैसा है?
टेस्ट क्रिकेट में यशस्वी ने 28 मैचों में 2511 रन बनाए हैं और टीम इंडिया के नियमित ओपनर हैं। वनडे में दो मैचों में सिर्फ 33 रन बनाए हैं, जिससे उनकी असफलता पर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन टेस्ट की तरह उनकी टी20 तैयारी भी देखी जा रही है।
मुंबई के लिए यशस्वी की उपलब्धता क्यों महत्वपूर्ण है?
आयुष म्हात्रे की बेंगलुरु जाने की वजह से मुंबई को उनकी जगह भरने की जरूरत थी। यशस्वी की अनुभवी बल्लेबाजी टीम को एलीट ग्रुप डी में टॉप पर बने रहने में मदद करेगी। उनकी उपस्थिति टीम के दबाव को कम करेगी और युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनेगी।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए यशस्वी की वापसी कितनी संभावना है?
शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में और यशस्वी की टेस्ट में बेहतरीन फॉर्म के कारण, उनकी टी20 सीरीज में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। चयनकर्ता उनकी धीमी, ताकतवर बल्लेबाजी को टी20 में भी उपयोगी मान रहे हैं, खासकर तेज गेंदबाजों के खिलाफ।