बंगाली फिल्ममेकर अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निदेशक संघ से निलंबित

बंगाली फिल्ममेकर अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निदेशक संघ से निलंबित
Tarun Pareek
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बंगाली फिल्ममेकर अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निदेशक संघ से निलंबित

बंगाली फिल्म निर्देशक अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोप

बंगाली फिल्म उद्योग के जानेमाने निर्देशक अरिंदम सिल को पूर्वी भारत में निर्देशक संघ (DAEI) से निलंबित कर दिया गया है। यह कदम एक महिला अभिनेता द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उठाया गया है। अभिनेत्री ने सिल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान उसे समझाते समय गाल पर किस करने की कोशिश की थी।

क्या हैं आरोप?

यह घटना तब की है जब सिल एक फिल्म के दृश्य की व्याख्या कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने कथित तौर पर अभिनेत्री के गाल पर किस करने की कोशिश की। इस घटना से परेशान होकर अभिनेत्री ने पश्चिम बंगाल महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए DAEI ने इस पर कार्रवाई की और सिल को संघ से अनिश्चितकालीन निलंबित कर दिया।

DAEI का दृष्टिकोण

DAEI के अध्यक्ष सुब्रत सेन और सचिव सुदेशना रॉय द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि सिल के खिलाफ 'प्रथम दृष्टया सुबूत' मौजूद हैं और ये आरोप 'पूरे संगठन के लिए गहन चिंता का विषय' हैं। इस कारण से, सिल को अपने सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें तब तक निलंबित रखा जाएगा जब तक कि आरोपों की पूरी तरह से सफाई नहीं मिल जाती।

निर्देशक संघ ने सभी पक्षों से बात करने के बाद यह फैसला लिया है और यह भी स्पष्ट किया है कि वे अफवाहों पर कार्रवाई नहीं कर सकते, केवल साक्ष्यों पर ही विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, संघ ने इस पर जोर दिया कि वे पूरे प्रकरण को गंभीरता से ले रहे हैं और संगठन की छवि को धूमिल होने से बचाने के लिए तत्पर हैं।

सिल का पक्ष और माफीनामा

अरिंदम सिल ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी कार्रवाई को अनजाने में हुई गलती बताया। उनका कहना है कि उस समय किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई थी और जब उन्हें इस बारे में जानकारी मिली तब उन्होंने तत्काल ही महिला आयोग के सामने पेश होकर अपने बयान में माफी मांगी। सिल ने कहा, "मुझे किसी को भी चोट पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था।"

बंगाली फिल्म उद्योग में पहला बड़ा कदम

सम्पूर्ण बंगाली फिल्म उद्योग, जिसे टॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, में यह पहला मौका है जब किसी बड़े व्यक्ति के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है। इससे पहले मलयालम फिल्म उद्योग में जस्टिस के हेंमा समिति द्वारा उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया था।

अन्य अभिनेत्रियों की प्रतिक्रिया

यह घटना सामने आने के बाद अन्य अभिनेत्रियों ने भी अपनी आवाज उठाई है। अभिनेत्री ऋताभरी चक्रवर्ती ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और बंगाली फिल्म उद्योग में इसी प्रकार की अधिक जांच की मांग की है।

महिला आयोग का समर्थन

महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगोपाध्याय ने महिलाओं से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाएं ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा, "महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना जरूरी है और ऐसे मामलों को उजागर करना चाहिए।"

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