बंगाली फिल्ममेकर अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निदेशक संघ से निलंबित

Ranjit Sapre सितंबर 8, 2024 समाचार 16 टिप्पणि
बंगाली फिल्ममेकर अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निदेशक संघ से निलंबित

बंगाली फिल्म निर्देशक अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न के आरोप

बंगाली फिल्म उद्योग के जानेमाने निर्देशक अरिंदम सिल को पूर्वी भारत में निर्देशक संघ (DAEI) से निलंबित कर दिया गया है। यह कदम एक महिला अभिनेता द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उठाया गया है। अभिनेत्री ने सिल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान उसे समझाते समय गाल पर किस करने की कोशिश की थी।

क्या हैं आरोप?

यह घटना तब की है जब सिल एक फिल्म के दृश्य की व्याख्या कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने कथित तौर पर अभिनेत्री के गाल पर किस करने की कोशिश की। इस घटना से परेशान होकर अभिनेत्री ने पश्चिम बंगाल महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए DAEI ने इस पर कार्रवाई की और सिल को संघ से अनिश्चितकालीन निलंबित कर दिया।

DAEI का दृष्टिकोण

DAEI के अध्यक्ष सुब्रत सेन और सचिव सुदेशना रॉय द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि सिल के खिलाफ 'प्रथम दृष्टया सुबूत' मौजूद हैं और ये आरोप 'पूरे संगठन के लिए गहन चिंता का विषय' हैं। इस कारण से, सिल को अपने सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें तब तक निलंबित रखा जाएगा जब तक कि आरोपों की पूरी तरह से सफाई नहीं मिल जाती।

निर्देशक संघ ने सभी पक्षों से बात करने के बाद यह फैसला लिया है और यह भी स्पष्ट किया है कि वे अफवाहों पर कार्रवाई नहीं कर सकते, केवल साक्ष्यों पर ही विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, संघ ने इस पर जोर दिया कि वे पूरे प्रकरण को गंभीरता से ले रहे हैं और संगठन की छवि को धूमिल होने से बचाने के लिए तत्पर हैं।

सिल का पक्ष और माफीनामा

अरिंदम सिल ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी कार्रवाई को अनजाने में हुई गलती बताया। उनका कहना है कि उस समय किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई थी और जब उन्हें इस बारे में जानकारी मिली तब उन्होंने तत्काल ही महिला आयोग के सामने पेश होकर अपने बयान में माफी मांगी। सिल ने कहा, "मुझे किसी को भी चोट पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था।"

बंगाली फिल्म उद्योग में पहला बड़ा कदम

सम्पूर्ण बंगाली फिल्म उद्योग, जिसे टॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, में यह पहला मौका है जब किसी बड़े व्यक्ति के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है। इससे पहले मलयालम फिल्म उद्योग में जस्टिस के हेंमा समिति द्वारा उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया था।

अन्य अभिनेत्रियों की प्रतिक्रिया

यह घटना सामने आने के बाद अन्य अभिनेत्रियों ने भी अपनी आवाज उठाई है। अभिनेत्री ऋताभरी चक्रवर्ती ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और बंगाली फिल्म उद्योग में इसी प्रकार की अधिक जांच की मांग की है।

महिला आयोग का समर्थन

महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगोपाध्याय ने महिलाओं से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाएं ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा, "महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना जरूरी है और ऐसे मामलों को उजागर करना चाहिए।"

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16 टिप्पणि

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    Ganesh Satish

    सितंबर 8, 2024 AT 23:51

    कभी सोचो, शक्ति के दुरुपयोग का अंत केवल साहसिक कदम से हो सकता है!!!

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    Midhun Mohan

    सितंबर 9, 2024 AT 01:31

    भाइयों और बहनों, ये खबर सुनकर दिल बहुत खरोच गया है... हम सबको मिलकर ऐसे मुद्दों की आवाज उठानी चाहिए, समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। ऐसा ही नहीं, ये हमारे भविष्य की पीढ़ी को भी प्रभावित करेगा, इसलिए तुरंत कार्रवाई जरूरी है!!!

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    Archana Thakur

    सितंबर 9, 2024 AT 03:11

    देशभक्तों को यह समझना चाहिए कि हमारी सांस्कृतिक स्वायत्तता को बलि नहीं देना चाहिए; इस तरह की घटनाएँ हमारी राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुँचाती हैं, और यह एक निन्दनीय ब्योरिफ़िया है जो हमारे फिल्मजगत को धूमिल कर सकती है।

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    Ketkee Goswami

    सितंबर 9, 2024 AT 04:51

    हमें इस मामले में आशा की किरण देखनी चाहिए - जब तक जाँच चल रही है, हम सभी सकारात्मक ऊर्जा बिखेरते रहें! इस उद्योग को फिर से उज्ज्वल बनाने के लिए हमें मिलकर कदम बढ़ाना चाहिए, नहीं तो अंधेरा ही छा जाएगा।

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    Shraddha Yaduka

    सितंबर 9, 2024 AT 06:31

    हर कोई अपने मन की बात शांति से रखे, लेकिन जरूरी है कि सबको सुरक्षित महसूस हो, इसलिए हम सबको इस मुद्दे पर संवेदनशील रहना चाहिए और एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए।

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    gulshan nishad

    सितंबर 9, 2024 AT 08:11

    यह घटना केवल व्यक्तिगत त्रुटि नहीं, बल्कि उद्योग की गलतियों का प्रतिबिंब है। अगर हम सच्ची सुधार नहीं करेंगे, तो फिर कभी इस प्लेटफ़ॉर्म पर विश्वसनीयता नहीं बचेगी।

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    Ayush Sinha

    सितंबर 9, 2024 AT 09:51

    आह, अक्सर लोग इस तरह की बातों को हल्का लेते हैं, जबकि इसमें गहरी समस्या छिपी होती है। क्यों ना हम सभी मिलकर इस जाल से बाहर निकलें और सच्चाई को उजागर करें?

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    Saravanan S

    सितंबर 9, 2024 AT 11:31

    सभी को मेरे तरफ़ से ये सुझाव कि हम इस मामले को सही प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ाएँ, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके। समय पर कार्रवाई ही सबसे बड़ी मदद है!!!

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    Alefiya Wadiwala

    सितंबर 9, 2024 AT 13:11

    DAEI का यह कदम केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग में शक्ति संतुलन की नई दिशा का परिचायक है।
    जब तक ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को बिना ठोस साक्ष्य के बचाव नहीं मिलता, दर्शकों का भरोसा भी धूमिल हो सकता है।
    जैसे ही इस मामले में प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद बताये गये, न्याय प्रक्रिया का पालन अनिवार्य बन जाता है।
    फिल्म निर्माताओं को यह याद रखना चाहिए कि कलात्मक स्वतंत्रता का प्रयोग कभी भी मानवीय अधिकारों की अनदेखी में नहीं होना चाहिए।
    एक कलाकार का सम्मान केवल पर्दे पर नहीं बल्कि उसके व्यक्तिगत जीवन में भी सुरक्षित रहना चाहिए।
    सिल जैसा बड़ा नामधारी अगर इस तरह के आरोपों में फंसा, तो यह पूरी इंडस्ट्री के लिए चेतावनी बनती है।
    उद्योग में अतीत में भी कई समान घटनाएँ छिपी रही हैं, पर अब पारदर्शिता की मांग बढ़ी है।
    महिला आयोग की तत्परता और DAEI की सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं।
    इससे न केवल बिगड़ते शक्ति दुरुपयोग को रोकना संभव होगा, बल्कि भविष्य के कलाकारों को भी सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
    समाज में महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिये ऐसे कदमों को समर्थन देना आवश्यक है।
    साथ ही, यह भी जरूरी है कि सभी पक्षों की सुनवाई हो और निष्पक्ष जांच के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाये।
    यदि सिल अपनी माफी में सच्ची मंशा दिखाते हैं, तो पुनर्वास की प्रक्रिया को भी सक्रिय रूप से अपनाया जा सकता है।
    लेकिन यदि साक्ष्य विपरीत संकेत देते हैं, तो कड़ी सजा भी सामाजिक संदेश की तरह काम करेगी।
    आर्ट्स के क्षेत्र में कभी भी असह्य व्यवहार को सहन नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह कितनी ही उच्च पदावली पर हो।
    अंततः, इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए कि अधिकारों की रक्षा में प्रत्येक नागरिक का दायित्व है, चाहे वह कलाकार हो या दर्शक।

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    Paurush Singh

    सितंबर 9, 2024 AT 14:51

    भाई, जाँच को आधी तरह आधी सोच में नहीं चलना चाहिए, हमें सच्चाई के साथ न्याय की तलाश करनी है, नहीं तो यह गिरते भरोसे को फिर से उठाने का समय नहीं है।

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    Sandeep Sharma

    सितंबर 9, 2024 AT 16:31

    भाई लोग, ये मामला तो बिल्कुल कूल है, लेकिन हमें गंभीर रहकर देखना पड़ेगा 😎💥। अभी तो बस शुरुआत है, आगे और भी इंटरेस्टिंग बातें सामने आएँगी।

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    Mita Thrash

    सितंबर 9, 2024 AT 18:11

    हम सभी को मिलकर एक सुरक्षित वातावरण बनाना चाहिए जहाँ हर आवाज़ को सुनवाया जाए, चाहे वह महिला हो या पुरुष, और यह केवल औपचारिक नहीं बल्कि वास्तविक कार्रवाई से सिद्ध होगा।

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    shiv prakash rai

    सितंबर 9, 2024 AT 19:51

    ओह, यह तो मानो सिनेमा की दुनिया में एक नया ट्रेंड शुरू हो गया, जहाँ हर कदम पर झूठ और सच्चाई की लड़ाई चलती रहती है, पर असल में हमें तो बस सही रास्ता चुनना चाहिए, यही नहीं तो सब बिगड़ जाएगा।

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    Subhendu Mondal

    सितंबर 9, 2024 AT 21:31

    देखो, यह सब सिर्फ एक स्कैंडल नहीं, बल्कि सिस्टम की बड़ी खामी है, हमें तुरंत सुधार करने की जरूरत है।

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    Ajay K S

    सितंबर 9, 2024 AT 23:11

    इसी तरह की बातें हमेशा से होती आई हैं, पर अब तो सबको ध्यान देना पड़ेगा! 😊

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    Saurabh Singh

    सितंबर 10, 2024 AT 00:51

    अगर आप लोगों ने नहीं देखा, तो इस सीन में छिपा बड़ा षड्यंत्र है, जहाँ वही लोग आगे‑पीछे चल रहे हैं।

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