गम गम गणेशा मूवी रिव्यू: आनंद देवरकोंडा की मजेदार और क्राइम ड्रामा फिल्म
गम गम गणेशा एक मनोरंजक तेलुगु फिल्म है, जिसका निर्देशन उदय शेट्टी ने किया है और निर्माण केदार सेलागमसेट्टी और वामसी करुमांची ने किया है। इस फिल्म में आनंद देवरकोंडा, प्रगति श्रीवास्तव, नयन सरेका, करिश्मा, वेंनेला किशोर, सत्यम राजेश, जबरदस्त इमैनुएल और राज अर्जुन प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म की कहानी गणेशा (आनंद देवरकोंडा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने दोस्त शंकर (जबरदस्त इमैनुएल) के साथ छोटे मोटे चोरी करता है और एक उद्देश्यहीन जीवन जीता है। गणेशा का जीवन एक नाटकीय मोड़ लेता है जब वह श्रुति (नयन सरेका) से प्यार करने लगता है, जो एक सुपरमार्केट मालिक हर्षित (कृष्ण तेज) की बेटी है।
कहानी का रोमांच और मोड़
गणेशा का प्यार श्रुति के प्रति बढ़ता है और वह उससे शादी करने का मन बना लेता है। श्रुति से शादी करने के लिए, गणेशा एक डायमंड चोरी करने की योजना बनाता है जिसकी कीमत 7 करोड़ रुपये है। इस बीच, कहानी में एक नया ट्विस्ट आता है जब किशोर रेड्डी (राज अर्जुन), जो एक महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ है, अपने चुनाव अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये की जरूरत होती है।
किशोर रेड्डी गणेशा को डायमंड चोरी करने और इसे एक विनायक मूर्ति में छिपाने के लिए काम पर रखता है। यहीं से कहानी में नाटकीय मोड़ और मजेदार घटनाएं शुरू हो जाती हैं। गणेशा की योजनाएं बिगड़ जाती हैं और डायमंड और पैसों का खेल उलटफेर वाला होता है।
फिल्म का मुख्य आकर्षण
फिल्म की मुख्य विशेषता इसका हास्य और क्राइम तत्वों का मिश्रण है। फिल्म में हास्य का पुट और अनपेक्षित घटनाओं के चलते दर्शकों की दिलचस्पी बनी रहती है।
फिल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। आनंद देवरकोंडा ने गणेशा के किरदार को पूरी निष्ठा से निभाया है और उनके अभिनय की तारीफ करनी चाहिए। प्रगति श्रीवास्तव और नयन सरेका ने भी अपने-अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है।
फिल्म का प्रोडक्शन और निर्देशन
फिल्म के निर्देशक उदय शेट्टी ने इस फिल्म की कहानी को बड़े ही कुशलता से निर्देशित किया है। उनकी दृष्टि और निर्देशन ने कहानी को रोमांचक और मनोरंजक बनाया है। निर्माताओं केदार सेलागमसेट्टी और वामसी करुमांची ने फिल्म के प्रोडक्शन वैल्यूज को उच्च स्तर पर रखा है।
फिल्म की छायांकन और संगीत भी उत्कृष्ट है, जिससे फिल्म का अनुभव और भी बेहतर हो जाता है। फिल्म की एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म की गति और भावनाओं को बनाए रखते हैं।
क्या फिल्म देखनी चाहिए?
अगर आप एक मजेदार और रोमांचक क्राइम ड्रामा फिल्म को देखना चाहते हैं, तो गम गम गणेशा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। फिल्म का हास्य और थ्रिलिंग प्लॉट दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब होता है।
इस फिल्म को फैमिली के साथ बैठकर देखा जा सकता है और यह हर उम्र के दर्शकों को पसंद आएगी।
कुल मिलाकर, 'गम गम गणेशा' एक मनोरंजक फिल्म है जो दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब होती है। इसका अनूठा कहानी और बेहतरीन अभिनय दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है।
 
                                                                 
                                     
                                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        
gaurav rawat
मई 31, 2024 AT 22:36भाई सुपर फिल्म है, एनंद का एग्जीक्यूशन बेज़ोड़ है 😎💥
थोड़ा लाइफ लेसन भी मिला, छोटे-छोटे चोरों की लाइफ में बड़ा दिमाग! 🚀
Vakiya dinesh Bharvad
जून 1, 2024 AT 03:00इंडिया में एसी मिक्स्ड फिल्में कम होती हैं :) लोकल कल्चर का सही उपयोग किया गया है
Aryan Chouhan
जून 2, 2024 AT 06:46अरे यार ये मूवी थोडी ही बोरिंग लगि, स्क्रिप्ट में थोड़ी घिसिया पिटिया है... फिर भी टाइम पास त सही 🙄
Tsering Bhutia
जून 2, 2024 AT 12:20भाई, फ्रेंडली नोट: एनीमे स्टाइल कॉमिक टाइमिंग से एंगेजमेंट बढ़ती है, और एक्शन सीन में साउंड ट्रैक काफी बॉल्ड है जिससे थ्रिल बढ़ता है।
Narayan TT
जून 3, 2024 AT 10:33यह फ़िल्म औसत से ऊपर नहीं, केवल शोर है।
SONALI RAGHBOTRA
जून 3, 2024 AT 16:06गम गम गणेशा फिल्म का कंटेंट वाकई में कई स्तरों पर टैप करता है।
कहानी में सामाजिक वर्ग संघर्ष की बारीकियों को बड़े ही सहज अंदाज़ में दिखाया गया है।
मुख्य किरदार गणेशा की जिंदादिली और उसकी छोटे‑छोटे चॉरियों की योजना दर्शकों को हँसते‑हँसते सोचने पर मजबूर कर देती है।
साथ ही प्रेम कहानी श्रुति के साथ एक भावनात्मक गहराई जोड़ती है, जो फिल्म को सिर्फ क्राइम नहीं, बल्कि रोमांस भी बनाती है।
संगीत की बात करें तो बैकग्राउंड स्कोर बहुत ही पावरफ़ुल है और सस्पेंस को और भी तीव्र बनाता है।
एडिटिंग की गति तेज़ है, जिससे कहीं भी बोरियत नहीं आती और दर्शक की नजर स्क्रीन पर टिकी रहती है।
फिल्म में प्रयोग किये गये कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी वास्तव में बहुत सटीक हैं।
उदय शेट्टी की डायरेक्शन ने इस मिश्रण को संतुलित रखा, जिससे ह्यूमर और थ्रिल दोनों को बराबर सराहा जा सकता है।
कलाकारों की परफ़ॉर्मेंस में खास तौर पर आनंद देवरकोंडा की एनर्जेटिक प्रेसेन्स और नयन सरेका की सच्ची एक्टिंग उल्लेखनीय है।
प्रोडक्शन वैल्यूज़ भी काफ़ी हाई हैं, सेट डिज़ाइन और लोकेशन स्केलेशन ने फिल्म को एक व्यावसायिक लुक दिया है।
यदि आप मनोरंजन के साथ थोड़ा सा सामाजिक संदेश भी चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक सही विकल्प है।
यह सभी आयु वर्ग के दर्शकों के लिए उपभोग्य है, क्योंकि इसमें कोई गंभीर या आपत्तिजनक सामग्री नहीं है।
फिल्म के अंत में भाईचारे और दोस्ती की ताकत को उजागर किया गया है, जो दर्शकों को सकारात्मक ऊर्जा देता है।
कुल मिलाकर, गम गम गणेशा एक संतुलित पॅकेज है जिसमें मज़ा, थ्रिल और थोड़ी सी शिक्षा भी है।
इसलिए, अगली बार जब फ़िल्म नाइट प्लान करें, तो इस फ़िल्म को जरूर अपनी लिस्ट में शामिल करें।