शिवसेना (UBT) नेता के धमकी भरे बयान से राहुल गांधी-सावरकर विवाद फिर गरमाया, MVA में नई दरार

शिवसेना (UBT) नेता के धमकी भरे बयान से राहुल गांधी-सावरकर विवाद फिर गरमाया, MVA में नई दरार
Tarun Pareek
राजनीति 0 टिप्पणि
शिवसेना (UBT) नेता के धमकी भरे बयान से राहुल गांधी-सावरकर विवाद फिर गरमाया, MVA में नई दरार

सावरकर को लेकर राहुल गांधी पर शिवसेना (UBT) नेता का तगड़ा हमला

नासिक में सावरकर जयंती के मौके पर उस वक्त माहौल गरमा गया, जब शिवसेना UBT के डिप्टी सिटी यूनिट चीफ बाला दाराडे ने राहुल गांधी के खिलाफ खुला ऐलान कर डाला। दाराडे ने भीड़ के सामने कहा कि अगर राहुल गांधी नासिक आएंगे, तो उनका चेहरा काला किया जाएगा या उनके काफिले पर पत्थर फेंके जाएंगे।

ऐसा बयान सीधा-सीधा सावरकर के सम्मान से जुड़ा है। दरअसल, कुछ समय पहले राहुल गांधी ने वीडी सावरकर को ‘माफी वीर’ कहकर निशाना बनाया था, जिससे सावरकर समर्थकों में गुस्सा है। दाराडे ने उसी नाराज़गी को सामने लाते हुए कहा कि शिवसैनिक सावरकर का अपमान कतई नहीं सह सकते।

इस बयान के सामने आते ही कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेताओं ने दाराडे के शब्दों को कायराना हरकत बता दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी-शिवसेना सत्ता में रहते हुए लोकतंत्र और असहमति की जगह पूरी तरह खत्म कर देना चाहती हैं?

MVA में सावरकर को लेकर नई दरार, कोर्ट में भी मामला पहुंचा

इस ताज़ा घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) में दरार पैदा कर दी है। एमवीए तीन दलों—शिवसेना (UBT), कांग्रेस और एनसीपी—का गठबंधन है, जो एकजुट होकर बीजेपी को टक्कर देना चाहता है। मगर, सावरकर का मुद्दा बार-बार इनके बीच तकरार की वजह बनता रहा है।

राहुल गांधी की टिप्पणी से वैसे भी शिवसेना दबी-छुपी नाराज़गी जाहिर करती रही है, लेकिन अब उसके स्थानीय नेता सरेआम धमकी दे रहे हैं। इससे गठबंधन की एकजुटता पर बड़े सवाल उठने लगे हैं। ज्यादातर कांग्रेस नेता सहयोगियों की सार्वजनिक आलोचना पर चुप्पी साधे हुए हैं, मगर अंदरखाने नाराजगी पनप रही है।

इस विवाद के साथ ही नासिक के स्थानीय निवासी देवेंद्र भूतड़ा ने राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में मानहानि केस दायर किया है। भूतड़ा का आरोप है कि राहुल की टिप्पणियों से न सिर्फ हिंदुत्व विचारधारा बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाएं भी आहत हुई हैं।

  • राहुल गांधी की टिप्पणी ने सावरकर को लेकर पुराने घाव फिर से कुरेद दिए हैं।
  • शिवसेना (UBT) के ऐसे तीखे बोल गठबंधन की रणनीति और अनुशासन पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
  • कांग्रेस भी सवालों के घेरे में है कि वह सहयोगियों को कैसे साधेगी।

सावरकर की विरासत, खासकर कांग्रेस बनाम शिवसेना के नजरिये से, पिछली कई सियासी बहसों का हिस्सा रही है। राहुल गांधी इस मुद्दे पर पहले भी बीजेपी, आरएसएस और हिंदुत्व समर्थकों द्वारा बार-बार निशाने पर आ चुके हैं। कहीं न कहीं, दो अलग सोच रखने वाले दलों की यह साझेदारी सावरकर के नाम पर बार-बार लड़खड़ाती दिखती है।

ऐसी ही पोस्ट आपको पसंद आ सकती है