अगर आप रेजलिंग के शौकीन हैं तो 57 किग्रा वर्ग का फ्रीस्टाइल बहुत दिलचस्प लगता होगा। ये वजन श्रेणी दुनिया भर में सबसे प्रतिस्पर्धी मानी जाती है—छोटा लेकिन तेज़, ताकत और तकनीक दोनों की जरूरत होती है। इस पेज पर हम आपको बेसिक नियम, भारतीय पहलवानों की हालिया उपलब्धियों और आने वाले टुर्नामेंट्स के बारे में आसान भाषा में बताते हैं।
फ्रीस्टाइल में दो मुख्य चीज़ें देखी जाती हैं: पॉइंट स्कोर और ग्रिप की आज़ादी। प्रतिद्वंद्वी को नीचे गिराना या उसका पैर जमीन पर टिकाना पॉइंट देता है। अगर आप अपने हाथ से दुश्मन के कंधे, कमर या पैर को पकड़ते हुए उसे गिराते हैं तो 2‑3 पॉइंट मिल सकते हैं। दो मिनट में अधिकतम तीन राउंड होते हैं, और हर राउंड के बाद छोटे-से‑ब्रेक दिया जाता है।
कुश्ती का मैदान (मैट) सर्कल आकार का होता है, लगभग 9 मीटर व्यास। अगर कोई पहलवान मैट की सीमा से बाहर गिरता है तो उसे चेतावनी या डिस्क्वाली मिल सकती है। इसलिए रिंग के अंदर ही काम करना बहुत जरूरी है।
भारत ने पिछले कुछ सालों में 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में कई नाम कमाए हैं। सबसे यादगार जीत 2023 में सिंगापुर एशिया गेम्स से आई, जहाँ हमारे पहलवान विजय सिंह ने गोल्ड मेडल जीता था। उनकी तेज़ी और ग्रिप का मिलन हर मैच को रोमांचक बनाता है। इसके बाद 2024 के विश्व चैंपियनशिप में राहुल बर्मन ने सेमीफ़ाइनल तक पहुंचकर देश की रैंकिंग बढ़ा दी।
इन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग अकादमीज़ मुख्य रूप से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हैं। अगर आप खुद कुश्ती सीखना चाहते हैं तो इन शहरों के सरकारी या प्राइवेट क्लबस को देख सकते हैं। कई बार मुफ्त ट्रायल सत्र भी होते हैं—एक बार जाकर देखिए, शायद आपको भी लग जाए।
आगामी इवेंट्स की बात करें तो 2025 में एशिया पैसिफिक गेम्स भारत में ही आयोजित हो रहे हैं। इस बार 57 किग्रा वर्ग में हमारी टीम को कम से कम दो मेडल चाहिए—एक गोल्ड और एक सिल्वर, ताकि देश का नाम उँचा रहे। आप इन मैचों को लाइव टीवी या ऑनलाइन स्ट्रीम पर देख सकते हैं; अक्सर YouTube पर आधिकारिक चैनल भी रियल‑टाइम अपडेट देता है।
अगर आप फैंस हैं तो सोशल मीडिया पर #57kgWrestling टैग के साथ अपनी राय शेयर कर सकते हैं। इससे न केवल चर्चा बढ़ेगी, बल्कि नए टैलेंट को भी मौका मिलेगा। याद रखें, कुश्ती सिर्फ ताकत नहीं, रणनीति और धैर्य का खेल है।
सार में, 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती एक ऐसी श्रेणी है जहाँ भारत ने लगातार प्रगति की है। नियम सरल हैं लेकिन महारथी बनने के लिए निरंतर अभ्यास चाहिए। आप चाहे दर्शक हों या खिलाड़ी—इस वर्ग का हर पहलू आपको कुछ नया सिखाएगा।
भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने पेरिस 2024 ओलंपिक्स में पुरुषों की 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती श्रेणी में कांस्य पदक जीता है। मात्र 21 वर्षीय सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज़ को 13-5 के स्कोर से हराया। यह जीत उन्हें व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय बनाती है।
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